यह मसला इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि भाजपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में उनकी पार्टी लोकसभा वाले प्रदर्शन को एक बार फिर दुहराने जा रही है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी सभी सीटों पर जीत हासिल करने के हर संभव प्रयास करेगी। भाजपा विरोधी पार्टियों को उत्तर प्रदेश में यह अहसास होने लगा है कि यदि उन्होंने बिहार के पैटर्न पर यहां भी गठबंधन नहीं किया तो भाजपा सारी सीटों पर जीत हासिल कर सकती है।
कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अतुल कुमार अंजान का भी यही मानना है कि भाजपा विरोधी पार्टियों को उत्तर प्रदेश में आपसी गठबंधन करना चाहिए और इसके लिए एक काॅमन मिनिमम प्रोग्राम भी बनाना चाहिए। उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की बढ़त को देखते हुए सभी भाजपा विरोधी पार्टियों को एक हो जाना चाहिए और यह एकता न सिर्फ उपचुनावों के लिए होनी चाहिए, बल्कि आगामी विधानसभा के आम चुनाव तक इसे जारी रखना चाहिए।
अतुल कुमार अंजान ने कहा कि सभी पार्टियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 71 पर जीत हासिल की और 280 लोकसभा सीटों से भी ज्यादा पर दूसरी पार्टियों से ज्यादा वोट पाने में सफल रही।
इस तथ्य के मद्देनजर अतुल कुमार अंजान ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। मुलाकात मुलायम के लखनऊ स्थित आवास पर हुई। उस मुलाकात में श्री अंजान ने मुलायम ंिसंह यादव से क्रांतिकारी मोर्चा फिर से जीवित करने की सलाह दी। क्रांतिकारी मोर्चा के कारण ही उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव को सत्ता हासिल हुई थी।
गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने एक क्रांतिकारी मोर्चा बनाया था। उस मोर्चे में जनता दल, समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी, सीपीआई, सीपीएम व कुछ अन्य पार्टियां थी। क्रांतिकारी मोर्चा के नेता पूरे राज्य भर में सभाओं को संबोधित किया करते थे। इसके कारण उत्तर प्रदेश की राजनीति मुलायम के अनुकूल हुई थी और वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब मुलायम सिंह यादव को कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल, सीपीआई, सीपीएम और अन्य सेकुलर पार्टियों के नेताओं से बातचीत करनी चाहिए और मोर्चे के गठन के लिए पहल करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता क्रांति कुमार और रामकृष्ण द्विवेदी की भी राय यही है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मुलायम सिंह यादव से बात करनी चाहिए और उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी को जीत हासिल करने से रोकने के लिए मोर्चेबंदी करनी चाहिए। उनका कहना है कि समान विचारधारा की पार्टियों की एकता से भारतीय जनता पार्टी को रोका जा सकता है।
समाजवादी पार्टी के कार्यकत्र्ता भी यह महसूस करते हैं कि भारतीय जनता पार्टी को अन्य पार्टियों के साथ गटबंधन करके रोका जा सकता है, लेकिन मुलायम सिंह यादव मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत कांग्रेस के कारण हुई। कांग्रेस के कारण ही वहां भाजपा को 71 सीटें मिलीं, जबकि समाजवादी पार्टी को मात्र 5 सीटों पर ही जीत हासिल हो सकी।
एक राजनैतिक विश्लेषक के अनुसार भाजपा के खिलाफ मजबूत मोर्चेबंदी करने से बसपा समर्थकों को भी इसकी ओर खींचा जा सकता है। गौरतलब है कि बसपा विधानसभा के उपचुनाव नहीं लड़ने जा रही है और संभावना है कि इसके अधिकांश मतदाता भाजपा को वोट डाल देंगे। (संवाद)
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उत्तर प्रदेश में भी सेकुलर मोर्चा बनाने की कवायद
अतुल अंजान ने मुलायम से बात की
प्रदीप कपूर - 2014-08-13 12:01
लखनऊः क्या उत्तर प्रदेश में भी बिहार जैसे गठबंधन की जरूरत है? यहां भी 12 विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने हैं। तिथि अभी तय नहीं हुई है, लेकिन उसकी घोषणा कभी भी हो सकती है।