मुलायम सिंह यादव ने कुछ दिन पहले प्रदेश सरकार के मंत्रियों और पार्टी के विधायकों से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात की आज बहुत चर्चा हो रही है।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर हैरानी हो रही है कि मुख्यमंत्री उन मंत्रियों को सरकार से बाहर नहीं कर रहे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
उन्होंने लोगों को बताया कि वे खुद अखिलेश यादव को उन भ्रष्ट मंत्रियों के बारे में बता चुके हैं। उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि कई बार उन्हें उनके बारे में अवगत कराया है। फिर भी पता नहीं, अखिलेश उनकी बात को महत्व नहीं दे रहे हैं और वे भ्रष्ट मंत्री अपने पदों पर बने हुए हैं।
उन्होंने स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री से मिलना आसान नहीं है और उनसे पार्टी के कार्यकत्र्ताओं और नेताओं की मुलाकात के लिए कोई व्यवस्था तैयार नहीं की गई हैं।
मुलायम सिंह यादव ने स्वीकार किया कि अफरशाही में भारी भ्रष्टाचार है। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्ट अफसरों को उनके पदों से हटा दिया जाना चाहिए।
यह कोई पहला मौका नहीं था, जब मुलायम सिंह ने अपने बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ इस तरह सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी की।
जब से अखिलेश की सरकार बनी है, मुलायम सिंह सरकार के कामकाज पर नजर लगाए रहते हैं और उस समय से ही सरकार की बीच बीच में आलोचना भी करते रहते हैं। वे यह कहने में भी संकोच नहीं करते हैं कि यदि इसी तरह सरकार चलती रही और लोगों में असंतोष बना रहा तो 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बनना असंभव हो जाएगा।
मुलायम सिंह यादव ही नहीं, प्रदेश के राज्यपाल भी अखिलेश सरकार के कामकाज को लेकर नाराज हैं। उनकी नाराजगी का कारण भी भ्रष्टाचार ही है।
उन्होंने पिछले 6 महीने के अपने कार्यकाल के बारे में रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि इस दौरान प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हुई और अपराधों मे वृद्धि हुई।
भ्रष्टाचार के मामलों पर अखिलेश सरकार की आलोचना करते हुए राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि प्रदेश के लोकायुक्त ने उन्हें कुछ भ्रष्ट लोगों की सूची थी। उस सूची को कार्रवाई के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के पास भेज दिया।
पर उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोकायुक्त ने राज्यपाल से उस सूची में शामिल भ्रष्ट लोगो ंके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। राज्यपाल ने उसे मुख्यमंत्री के पास भेज दिया और जानना चाहा कि सरकार भ्रष्ट लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है।
उस सूची में 20 लोगों के नाम थे और मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को जो जवाब दिया, उसके अनुसार 10 लोगों के बारे में कुछ सूचनाएं दी गई थी। शेष 10 लोगों का जिक्र भी नहीं किया गया था। अब राज्यपाल ने अपने स्टाफ को कहा है कि उस रिपोर्ट को विधानसभा और विधान परिषद मे पेश कर दिया जाय।
वरिष्ठ राजनैतिक समीक्षक रमेश दीक्षित का कहना है कि प्रदेश के लोगों को युवा मुख्यमंत्री से बहुत उम्मीदें थीे। उन्होंने कहा कि अखिलेश को भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और अगर ऐसा नहीं किया गया, तो 2017 के विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा अखिलेश की पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। (संवाद)
भारत
मुलायम और राज्यपाल ने की अखिलेश सरकार की आलोचना
उत्तर प्रदेश की राजनीति में दरारें हो रही हैं चौड़ी
प्रदीप कपूर - 2015-01-27 12:24
लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने बेटे अखिलेश द्वारा सरकार चलाने के तरीके को लेकर नाराज हैं।