कहा जा रहा है कि वीएस ने पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व को एक पत्र लिखा है और उस पत्र मे प्रदेश सचिव पी विजयन के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी गई है। पार्टी की वर्तमान खराब दशा के लिए वीएस ने केरल ईकाई के वर्तमान नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। उस पत्र में कहा गया है कि विजयन का काम करने का तरीका तानाशाही है, जिसके कारण पार्टी को नुकसान हो रहा है। उनके नेतृत्व में पार्टी के दक्षिणपंथ की ओर बढने का भी आरोप लगा है।
वह नोट पहले अच्युतानंदन ने प्रदेश सचिवालय में ही भेजा था, लेकिन उसे वहां तवज्जो नहीं मिली, क्योंकि प्रदेश स्तर पर पार्टी में विजयन का बहुमत है। पार्टी का प्रदेश स्तरीय कान्फ्रेंस हो रहा है। उसमें उस नोट पर चर्चा करने की मांग को अस्वीकार कर दिया गया और उसके बाद ही वीएस ने वह नोट केन्द्रीय नेतृत्व के पास भेजा है।
प्रदेश कान्फ्रेंस में अच्युतानंदन के खिलाफ चर्चा हो रही है। उसमें जो वर्किंग रिपोर्ट पेश की गई है, उसमें भी अच्युतानंदन की जबर्दस्त खिंचाई की गई है। रिपोर्ट के 30 पृष्ठों मे अच्युतानांदन के बारे में ही लिखा गया है और कहा गया है कि प्रदेश की वर्तमान खराब हालत के लिए वे ही जिम्मेदार हैं।
वीएस ने केन्द्रीय नेतृत्व को लिखे नोट में अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। उसमें कहा गया है कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा किसी और पर आरोप लगाना बिल्कुल गलत है। पार्टी की बदहाली के लिए वे ही लोग जिम्मेदार हैं, जो पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में सीपीएम और उसके नेतृत्व वाले लेफ्ट फ्रंट की हार हुई थी। अन्य अनेक राज्यों में में कांग्रेस बुरी तरह हारी थी, लेकिन केरल में उसका और उसके नेतृत्व वाले फ्रंट की जीत हुई थी। वीएस ने अपने पत्र में केरल में अपनी पार्टी और उसके नेतृत्व वाले फ्रंट की हार के लिए विजयन को ही जिम्मेदार ठहराया है। पत्र में कहा गया कि उस हार के लिए सिर्फ और सिर्फ विजयन ही जिम्मेदार हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव के पहले रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने एलडीएफ को छोड़ दिया था और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ का दामन थाम लिया था। आरएसपी पिछले 33 साल से एलडीएफ का घटक था। पत्र में आरोप लगाया है कि विजयन के कारण ही आरएसपी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट से बाहर हुआ।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि यदि सीपीएम ने आरएसपी को कोलम सीट दे दी होती, तो कोलम के साथ साथ मावेलिकारा सीट भी एलडीएफ की झोली में ही होती।
अपने पत्र में वीएस ने विजयन द्वारा चंद्रशेखरन हत्या कांड में जेल गए दो पार्टी नेताओं के बचाव करने पर भी सवाल उठाया है। कहा गया है कि इसके कारण पार्टी के बारे में अनके लोगों की राय विपरीत हो गई।
सोलर पैनल घोटाले के खिलाफ चल रहे आंदोलन को एकाएक समाप्त कर दिए जाने के लिए भी वीएस ने विजयन की आलोचना की है।उन्होंने कहा है कि विजयन ने इसके लिए पार्टी के अन्य नेताओं से सलाह मशविरा नहीं किया, जबकि उस समय सभी नेता वहां मौजूद थे। आंदोलन एकाएक समाप्त होने के कारण लोगों के बीच सीपीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे।
वीएस के उस पत्र को फिलहाल केन्द्रीय नेतृत्व महत्व नहीं दे रहा है। चर्चा है कि इस मसले पर बाद में पोलित ब्यूरो कोई फैसला करेगा। (संवाद)
भारत: केरल
सीपीएम के राज्य स्तरीय कान्फ्रेंस पर मंडरा रहे हैं काले बादल
अच्युतानंदन ने किया नया हमला
पी श्रीकुमारन - 2015-02-21 10:33
तिरुअनंतपुरमः वी एस अच्युतानंदन की बहुत समय तक उपेक्षा नहीं की जा सकती। उनसे ज्यादा समय तक चुप रहने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने एक बार फिर अपना रूप दिखाया है और उसके कारण केरल सीपीएम के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है।