पार्टी के नेताओं का मानना है कि वह मोदी लहर, जिसने भाजपा को सत्ता दिलाई, अब समाप्ति की ओर है और उत्तर प्रदेश भी उसका अपवाद नहीं है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मोदी लहर ने भाजपा को 80 में से 71 सीटों पर जीत दिलाई थी और दो अन्य सीटों पर उसके समर्थित अपना दल के उम्मीदवार चुनाव जीते थे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी वहां पार्टी का उतना बुरा हाल होगा। उन्होंने कहा कि उससे भारतीय जनता पार्टी बहुत कुछ सीख रही है और उसे ग्रामीण और वार्ड स्तर पर लोगों से जुड़ना होगा।
वैसे पार्टी के अनेक नेता दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हुई दुर्गति से खुश भी हैं। उन्हें लगता है कि उस हार के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अपने आपको सुधारेंगे और उन गलतियों को नहीं दुहराएंगे, जो उन्होंने दिल्ली में की।
उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं का कहना है कि पार्टी के अंदर राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, मुरली मनोहर जोशी और विनय कटियार जैसे नेताओं को हाशिए पर डाल दिया गया है। उनका यह भी कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिली भारी जीत के बाद उत्तर प्रदेश में हुए 12 उपचुनावों में से 11 में पार्टी हार गई है।
लखनऊ और बनारस के कैंटोनमेंट बोर्ड में हुए चुनावों में भी पार्टी की हार हुई। इसके कारण राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों को झटका लगा है। गौरतलब है कि लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से राजनाथ सिंह सांसद हैं, तो बनारस लोकसभा क्षेत्र से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सांसद हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद के चुनाव में भी पार्टी को झटका लगा। पार्टी ने वहां से दा उम्मीदवार खड़ा किए थे, लेकिन दूसरा उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका। अब पार्टी के नेताओं का कहना है कि दूसरा उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला ही गलत था, क्योंकि पार्टी के पास उसे जिताने लायक वोट नहीं थे। गौरतलब है कि दूसरा उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला अमित शाह का था।
वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अमित शाह ने अपनी कार्यशैली से भाजपा नेताआंे और कार्यकत्र्ताओं एक बड़े समूह को नाराज कर दिया है।
संवाद को बताया गया कि लखनऊ में अपने रोड शो के दौरान अमितशाह कार्यकत्र्ताओं से मिलने अपनी गाड़ी के बाहर भी नहीं आए।
दिल्ली में चुनावी हार के बाद अब पार्टी के नेता और कार्यकत्र्ता मुखर हो गए हैं। उनमें से एक नेता विंध्यवासिनी कुमार का कहना है कि पार्टी के बाहर के लोगों को खुलेहाथ टिकट नहीं दिया जाना चाहिए और उन्हें बिना सोचे समझे पार्टी में भी शामिल नहीं कराना चाहिए।
गौरतलब हो कि पिछले चुनाव में पार्टी ने बाहरी तत्वों को भारी संख्या में अपना सदस्य बना डाला है और उन्हें विधानसभा चुनावों में टिकट देने के वायदे भी किए गए हैं।
अभी हाल ही में जुगल किशोर और फतेह बहादुर सिंह के परिवार के लोग भाजपा में शामिल हुए हैं। जुगल किशोर का परिवार बहुजन समाज पार्टी में था और फतेह बहादुर सिंह गोरखपुर से हैं।
विंघ्यवासिनी कुमार का कहना है कि पार्टी को बाहरी लोगों को टिकट नहीं देना चाहिए और उन्हें भाजपा के प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं और नेताओं को ही टिकट देना चाहिए, अन्यथा उत्तर प्रदेश में भी पार्टी का वही हाल होगा, जो दिल्ली में हुआ। (संवाद)
दिल्ली चुनाव का उत्तर प्रदेश पर असर
भाजपा नेताओं ने बाहरी लोगों को पार्टी में लेने के खिलाफ आगाह किया
प्रदीप कपूर - 2015-02-24 11:00
लखनऊः दिल्ली विधानसभा चुनाव में सदमा पाने के बाद उत्तर प्रदेश के नेताओं को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अपने काम करने की शैली में अब बदलाव करेंगे। उन दोनों नेताओं की कार्यशैली में बदलाव को 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों की सफलता के लिए जरूरी माना जा रहा है।