बार मालिकों ने वित्त मंत्री मणि पर घूसखोरी के जो आरोप लगाए थे, उससे पैदा हुए राजनैतिक संकट ने अब एक नया आयाम ग्रहण कर लिया है। उस आरोप के बाद मणि को अपनी पार्टी के अंदर से भी चुनौती मिल रही थी और अपनी पार्टी में उनके डिपुटी पीसी जाॅर्ज उनके खिलाफ खड़े दिख रहे थे।
केरल कांग्रेस(मणि) के उपाध्यक्ष पी सी जाॅर्ज सत्ताधारी यूडीएफ सरकार के विधानसभा में मुख्य सचेतक भी हैं। अब मणि चाहते हैं कि जाॅर्ज केा मुख्यसचेतक के पद से हटा दिया जाय।
केरल कांग्रेस(मणि) के विधायक दल की एक बैठक हुई और उस बैठक में जाॅर्ज को मुख्य सचेतक के पद से हटाने का फैसला किया गया। उस फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री को दे दी गई है और अब मुख्यमंत्री को यूडीएफ विधायक दल के मुख्य सचेतक के पद से जाॅर्ज को हटाने का फैसला लेना है।
विधायक दल की बैठक के बाद मणि ने मुख्यमंत्री केा एक पत्र लिखा और उन्हें जल्द से जल्द मुख्य सचेतक के पद से हटाने की मांग कर दी है। फिलहाल मुख्यमंत्री टालमटोल कर रहे हैं और वे कह रहे हैं कि इस समय वे विदेश में हैं और केरल वापस आने के बाद ही इस पर कुछ फैसला लेंगे।
इस समय चांडी दुबई के दौरे पर हैं। दुबई जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि वे वापस लौटने के बाद यूडीएफ के सभी घटक दलों के साथ विचार विमर्श करेंगे और उसके बाद ही आगे निर्णय लेंगे।
लेकिन इस मसले पर किसी प्रकार का निर्णय लेना आसान काम नहीं हैं। वे अबतक राजनैतिक प्रबंधन में तो सफल रहे हैं और अनेक प्रकार के संकटों का सफलता पूर्वक सामना करते रहे हैं, लेकिन ताजा संकट कुछ अलग किस्म का है।
मुख्यमंत्री फिलहाल मामले को टालना चाहते हैं और वे उम्मीद कर रहे हैं कि कुछ समय बीतने के साथ जाॅर्ज के खिलाफ मणि का गुस्सा शांत हो जाएगा और मणि अपनी मांग पर जोर नहीं देंगे।
पर मणि और जाॅर्ज अपने अपने रवैये पर अड़े हुए हैं। दोनों में से कोई झुकने को तैयार नहीं हैं और चांडी के लिए समस्या का सबसे बड़ा कारण यही है। सच कहा जाय, तो आज चांडी के राजनैतिक प्रबंधन की सबसे बड़ी परीक्षा हो रही है। उन्हें कोई ऐसा उपाय निकालना होगा, जिससे जाॅर्ज और मणि दोनों संतुष्ट हो सकें।
मणि ने साफ साफ कह रखा है कि जाॅर्ज को हटाने का फैसला 3 अप्रैल तक लेना होगा। यदि उस समय तक कोई फैसला मुख्यमंत्री ने नहीं लिया, तो वे कुछ ऐसे फैसले ले सकते हैं, जो सरकार के लिए अहितकर हो सकता है। मणि जाॅर्ज को न केवल मुख्य सचेतक के पद से हटाना चाहते हैं, बल्कि उन्हें यूडीएफ से भी बाहर करना चाहते हैं।
मणि के साथ 8 विधायक हैं। यदि उन्होंने जाॅर्ज को नहीं हटाए जाने की सूरत में सरकार बाहर निकलने और समर्थन वापस लेने का फैसला कर लिया, तो फिर चांडी सरकार अल्पमत में चली जाएगी।
मणि की तरफ से ही चांडी को दबाव नहीं पड़ रहा है, बल्कि जाॅर्ज ने भी अपनी तरफ से चेतावनी जारी कर रखी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को 6 अप्रैल तक कोई शालीन फैसला करने का समय दिया है। यदि उस समय तक उन्होंने कोई फैसला नहीं किया, तो जाॅर्ज ने अपनी तरफ से कार्रवाई करने की चेतावनी दे दी है। कहा जाता है कि उनके पास रहस्योद्घाटन करने के लिए कुछ है और उससे सरकार की छवि पर असर पड़ सकता है।
जाॅर्ज ने एक टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि यदि उन्हें मुख्य सचेतक के पद से हटाया गया तो सरकार को उसका खामियाजा चुकाना होगा। उन्होंने कहा कि वे भागने वालों में शामिल नहीं हैं, बल्कि वे मैदान में डटे रहने वालों में से हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि मणि उन्हें हटाना चाहते हैं, इसलिए वह विधायक के पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
अब देखना होगा कि चांडी क्या करते हैं। उन पर समस्या आती थी, तो जाॅर्ज से हल करने में उनकी सहायता करते थे, पर अब तो जाॅर्ज से ही संबंधित समस्या उनके सामने खड़ी हो गई है। मणि और जाॅर्ज के झगड़े में चांडी अपने आपको आज लाचार पा रहे हैं। (संवाद)
भारत
केरल का सत्ताधारी मोर्चा संकट में
मणि ने जाॅर्ज को मुख्य सचेतक पद से हटाने की मांग की
पी श्रीकुमारन - 2015-03-31 16:54
तिरुअनंतपुरमः केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी आगे कुंआं और पीछे खाई वाले धर्मसंकट में फंस गए से लगते हैं। उनके लिए किसी प्रकार का निर्णय लेना आसान नहीं लग रहा है।