मुस्लिम संगठन अखिलेश सरकार पर उस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने के लिए दबाव बना रहे हैं। लेकिन उनकी मांग पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुप्पी बना रखी है, जिसके कारण मुस्लिम संगठनों में असमंजस का माहौल बना हुआ है।
मुस्लिम नेताओं को लगता है कि मुसलमानों ने हमेशा मुलायम सिंह यादव और उनकी पार्टी का साथ दिया है, इसलिए उनका हक बनता है कि वे सीबीआई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करें और मुसलमानों की भावनाओं का सम्मान करें।
गौरतलब है कि मई 1987 में वर्दीधारी पीएसी ने मुसलमानों की भारी संख्या में हत्या कर दी थी और उस घटना को हाशिमपुरा नरसंहार कहा जाने लगा था।
आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने हाल ही में हुई अपनी एक बैठक में उस फैसले पर चर्चा की, जिसमें सभी 16 आरोपियों को गवाह और सबूत के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया था। बैठक में प्रस्ताव पास कर सरकार से मांग की गई कि उस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की जाय। बोर्ड के प्रवक्ता ने प्रदेश सरकार को फैसले में विलंब के लिए जिम्मेदा ठहराया।
जमीयत उलेमा ए हिंद ने भी अखिलेश सरकार से उस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की मांग की। उसने उस नरसंहार से पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए धन उगाही करने का भी फैसला किया।
रिहाई मंच ने भी घोषणा की कि हाशिमपुरा मामले पर उसका संगठन आंदोलन करेगा। रिहाई मंच सामाजिक सद्भाव के लिए बनाया गया एक सामाजिक संगठन है। रिहाई मंच के पदाधिकारी राजीव यादव ने सरकार से मांग की कि वह हाशिमपुरा और मलियाना नरसंहार की जांच के लिए बनाई गई ज्ञान प्रकाश कमिटी की अनुशंसाओं को सार्वजनिक करे।
हाशिमपुरा नरसंहार में मारे गए लोगों के शव हिंडन नदी पर पाए गए थे। उसकी सूचना पाकर वहां सबसे पहले पहुंचने वाले लोगों में आइपीएस अधिकारी वीएन राय भी शामिल थे। उस समय वे गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक थे। उन्होंने भी मांग की है कि इस फैसले के खिलाफ सरकार को हाई कोई मंे अपील करनी चाहिए।
वीएन राय ने उस नरसंहार की फिर से जांच करने की भी मांग कर दी है। उस नरसंहार में पुलिस ने मुस्लिम युवकों की हत्या की थी। उसकी जांच सीबीआई ने की। घटना के दिन गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक रहे वीएन राय का मानना है कि सही तरीके से उसकी जांच ही नहीं की गई और जांच को गलत दिशा दे दी गई। इसके कारण ही अदालत ने किसी को भी दोषी नहीं पाया।
वीएन राय का कहना है कि यह विश्वास करना उनके लिए बहुत कठिन था कि पुलिस के जूनियर अधिकारी मेरठ जिले के हाशिमपुरा और मलियाना में उस तरह के नरसंहारों की साजिश करने और अंजाम देने में शामिल हो सकते हैं।
वामपंथी पार्टियों ने भी धरने प्रदर्शन का आयोजन किया। उनकी भी मांग यही है कि फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में सरकार अपील करे, ताकि पीडितों और उनके परिवारों को न्याय मिल सके।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और वरिष्ठ मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि सरकार पहले अदालत के फैसले की पूरी तरह से जांच करेगी। (संवाद)
भारत: उत्तर प्रदेश
हाशिमपुरा के फैसले से मुस्लिम संगठनों में नाराजगी
अखिलेश सरकार पर अपील का दबाव
प्रदीप कपूर - 2015-04-01 16:50
लखनऊः हाशिमपुरा नरसंहार के मुकदमे का फैसला 28 सालों के बाद आया है और सभी आरोपी आरोपमुक्त हो चुके हैं। पर इस फैसले से मुस्लिम संगठनों में भारी रोष है।