एक मलयाली टीवी चैनल पर बात करते हुए केन्द्रीय समिति के सदस्य ए के बालन ने जो कहा उसका मतलब तो यही है। उनकी बात करने के लहजे से कुछ ऐसा ही लग रहा था।
बालन ने बातचीत में कहा कि पोलित ब्यूरा आयोग अच्युतानंदन के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच जारी रखेगा। बालन सिर्फ वहीं तक नहीं रूके। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान पोलित ब्यूरो पिछले पोलित ब्यूरो द्वारा लिए गए निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता और पिछले पोलित ब्यूरो द्वारा गठित आयोग की रिपोर्ट को मानने के लिए वह बाध्य है।
बालन के उस वक्तव्य से यह जाहिर है कि विजयन कैंप नवनियुक्त केन्द्रीय महासचिव को यह संदेश देना चाह रहा हैं कि उसकी आक्रामकता में अभी तक कोई कमी नहीं आई है।
बालन पी विजयन के कट्टर समर्थक हैं और उनका यह बयान बिना विजयन की सहमति के नहीं हो सकता है। विजयन के इशारे पर ही उन्होंने यह बयान दिया है। इस आक्रामकता के निशाने पर सीताराम येचुरी हैं और उन्हें आगाह कराया जा रहा है कि वे अच्युतानंदन के खिलाफ चल रही पोलित ब्यूरो जांच आयोग के कार्यकलापों में किसी तरह का हस्तक्षेप न करें और उसकी रिपोर्ट को भी कमजोर करने की कोशिश न करें। विजयन लाॅबी चाहती है कि अच्युतानंदन के खिलाफ चल रही जांच अपनी तार्किक परिणति तक पहुंचे।
पर क्या सीताराम येचुरी विजयन कैंप के दबाव के सामने झुकने को तैयार हो जाएंगे? यदि एक मलयाली टीवी चैनल के सामने दिया गया उनका एक बयान कोई संकेत है, तो उससे यही पता चलता है कि सीताराम येचुरी विजयन लाॅबी की धौंस को मानने के लिए तैयार नहीं होंगे।
टीवी चैनल ने सीताराम येचुरी से पोलित ब्यूरो आयोग की जांच के बारे में साफ साफ पूछा था। श्री येचुरी ने जो कहा, उसका मतलब साफ है। उन्होंने कहा था कि अब स्थितियां बदल गई हैं और एक नया पोलित ब्यूरो अस्तित्व प्राप्त कर चुका है। उन्होंने कहा था कि नया पोलित ब्यूरो इस मसले पर फिर से विचार विमर्श करेगा।
यह किसी से छिपा हुआ नहीं है कि विजयन गुट अच्युतानंदन से केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद छीनना चाहता है। उसे लगता है कि पोलित ब्यूरो आयोग की जांच में अच्युतानंदन दोषी पाए जाएंगे और तब उन्हे नेता, विपक्ष के पद से हटाया जा सकता है।
लेकिन सीताराम येचुरी उनके इरादे को नाकाम करते दिखाई दे रहे हैं। केरल में पार्टी की राज्य समिति की बैठक हुई और उस बैठक में येचुरी ने अच्युतानंदन को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उसके पहले लग रहा था कि अच्युतानंदन को उस बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया ही नहीं जाएगा, क्योंकि विजयन लाॅबी उनके बैठक में शामिल करने का विरोध कर रही थी।
जाहिर है कि विजयन के नेतृत्व वाली कन्नूर लाॅबी नई परिस्थितियों का सामना करने के लिए अपने को अभी तक तैयार नहीं कर पाई है। अब पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व पहले की तरह विजयन कैंप के दबाव मे आता नहीं दिखाई पड़ रहा है, क्योंकि अब महासचिव बदल गए हें। (संवाद)
भारत: केरल
विजयन कैंप की राजनैतिक शरारत
येचुरी पर दबाव शायद काम नहीं आए
पी श्रीकुमारन - 2015-04-28 05:40
तिरुअनंतपुरमः केरल सीपीएम की कन्नूर लाॅबी पार्टी प्रदेश की पार्टी ईकाई पर हमेशा हावी रही है। इसके नेता पी विजयन हैं, जो कुछ समय पहले तक प्रदेश ईकाई के पार्टी सचिव हुआ करते थे। अब पार्टी के केन्द्रीय महासचिव सीताराम येचुरी बन गए हैं। इसके बावजूद विजयन के नेतृत्व वाली यह कन्नूर लाॅबी पार्टी के अंदर अपनी धौंस जमाने से बाज नहीं आ रही है।