पर उसके बाद जो उपचुनाव हुए, उसमें वह हारती चली गई। उत्तर प्रदेश में अब मोदी मैजिक काम नहीं कर रहा है। पिछले एक साल में हुए उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी 15 उपचुनाव हार चुकी है।

पार्टी को ताजा हार फरेन्दा उपचुनाव में मिली है। इसमें भाजपा के लिए सबसे चिंता की बात यह थी कि वहां इसे तीसरा स्थान प्राप्त हुआ और यह कांग्रेस से भी पीछे रही। बसपा तो एक रणनीति के तहत उपचुनाव लड़ती ही नहीं है। वैसे कांग्रेस के उम्मीदवार के दूसरे स्थान पर आने के कारण बहुजन समाज पार्टी को भी झटका लगा है।

बसपा के चुनाव मैदान से बाहर रहने के कारण यह उम्मीद की जा रही थी कि वहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा, पर कांग्रेस ने दूसरा स्थान हासिल कर दोनों पार्टियों के नेताआंे को सकते में डाल दिया है।

भारतीय जनता पार्टी के नेता इस बात का जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि चरकारी विधानसभा क्षेत्र से हुए उपचुनाव में दोनों बार पार्टी क्यों हार गई। गौरतलब हो कि चरकारी विधानसभा क्षेत्र से उमा भारतीय विधायक के रूप में पिछले आम चुनाव 2012 में विजयी हुई थी।

चरकारी में विधानसभा का पहला उपचुनाव उमा भारती के इस्तीफे के बाद हुआ था। लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने यह क्षेत्र खाली कर दिया था। उस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई थी, लेकिन उस उम्मीदवार को अदालत ने सजा दे दी थी और उसके बाद वह सीट एक बार फिर खाली हो गई। उसमें एक बाद फिर उपचुनाव हुआ और भाजपा के उम्मीदवार की एक बार और हार गई।

चुनाव हारने वाले भाजपा उम्मीदवारों ने अपनी हार के लिए उन भाजपा लोकसभा सांसदों को जिम्मेदार ठहराया है, जो वहां से लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका कहना है कि वे लोकसभा सदस्य अपने क्षेत्र की उपेक्षा कर रहे हैं, जिसके कारण वहां के लोगों की भाजपा से नाराजगी है।

बलिया से लोकसभा सदस्य भरत सिंह ने तो खुलकर भाजपा के केन्द्रीय मंत्रियों को पार्टी उम्मीदवारों की हार के लिए जिम्मेदार बताया है। उनका आरोप है कि मंत्री अपने लोकसभा क्षेत्रों में कुछ नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि भरत सिंह साहसी थे, इसलिए उन्होंने अपने मन की बात बैठक मे कह दी, लेकिन अधिकांश सांसदो का यही सोचना है, लेकिन वे अपनी बात सार्वजनिक रूप से कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं।

भारतीय जनता पार्टी की हार पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि उसकी हार के लिए उसके नेताओं का झूठ बोलना जिम्मेदार रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए अपने एक भी वायदे को पूरा नहीं कर पाए हैं उसके कारण लोग उनसे नाराज हो गए हैं।

हार से घबराकर अब भारतीय जनता पार्टी ने जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय किया है, जिसमें कार्यकत्र्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें मोदी सरकार द्वारा किए गए कामों को जनता के सामने ले जाने के लिए तैयार किया जाएगा।

अभियान के दौरान पार्टी कार्यकत्र्ता प्रत्येक दरवाजे पर जाएंगे और मोदी सरकार की उपलब्धियों पर लिखे हुए बुकलेट उनके बीच बांटेंगे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी प्रदेश का व्यापक दौरा करेंगे और अनेक सभाओं को संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी की चुनौतियों का सामना करने में विफल साबित हो रही है और अब मजबूत हो रही कांग्रेस उनके पैरों के नीचे की जमीन को खिसका रही है। (संवाद)