शराब पीकर गाड़ी चलाना अपराध है। एक साल पहले इससे संबंधित कानून को और भी कड़ा बनाया गया। कानून के डर से ऐसे लोगों की संख्या मे कमी भी आई, लेकिन कानून का सही ढंग से पालन नहीं होता और फिर लोग कानून से डरना बंद कर देते हैं। यही कारण है कि अब फिर अधिक संख्या में लोग शराब पीकर गाड़ी चलाने लगे हैं।
सलमान खान के मामले से जुड़ी सच्चाई चाहे जो भी हो, इसके फैसले ने ऐसे लोगों को कड़ा संदेश भेजने का काम किया है, जो शराब पीते हैं। इसने यह संदेश दिया है कि जो दारू पीकर शराब पीते हैं, उनके साथ कानून सख्ती से पेश आएगा। इसके अलावे एक और संदेश स्पष्ट रूप से गया है और वह यह है कि कानून की नजर में सभी बराबर है। कोई आम आदमी हो या कोई सुपर स्टार- कानून सबके लिए बराबर है। मुंबई के सेसन कोर्ट के फैसले से यह अच्छा संकेत आया है। 2002 में सलमान खान ने नुरूल्लाह महबूब हुसैन नाम के एक सख्स को कुचलकर मार डाला था। हुसैन फुटपाथ पर सोया हुआ था। शराब के नशे में तेज गाड़ी चला रहे सलमान खान से उस समय गाड़ी संभल नहीं पाई थी और दुर्घटना हो गई। चार अन्य व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गये है। जान बचने के बावजूद वे विकलांगों का जीवन जी रहे हैं।
निष्पक्षता दिखाते हुए सेसन कोर्ट ने सलमान को पांच साल की सजा सुनाई। और साबित हो गया कि कानून की नजर में सभी बराबर है। हां, इसमें सबसे अफसोस करने लायक बात यह थी कि फैसला आने में 13 साल लग गए। सच तो यह है कि देश में लाखों करोड़ों मुकदमें अदालत में पड़े हुए हैं और उन पर फैसला आने में सालों लग जाते हैं। एक मुकदमा संजय दत्त का भी थी। उस मुकदमे का फैसला आने में भी 13 साल लगे थे और फिर बाद मे अपी के बाद तो और भी समय लग गए थे। यानी कुल मिलाकर उसमें लगभग 20 साल लग गए थे।
सलमान खान को मुंबई हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है और सेसन कोर्ट के फैसले के खिलाफ की गई उनकी अपील स्वीकार कर ली गई है। जमानत की तेजी को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं, पर सच्चाई यही है कि अभी भी अदालत की नजर में सलमान खान सजायाफ्ता अपराधी हैं। अपील के दौरान वे और उनका परिवार उन्हें अपराध मुक्त कराने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने सेसन कोर्ट में भी बहुत कोशिश की थी। उन्होंने अपने ड्राइवर को अदालत में पेश किया था और ड्राइवर ने दावा किया था कि दुर्घटना के समय गाड़ी वह चला रहा था। दुर्घटना के 13 साल बाद किसी का इस तरह से दावा करना बहुत ही अटपटा था और अदालत ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया। जज ने उसे लताड़ लगाई, लेकिन अदालत को गुमराह करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाने की जरूरत है। (संवाद)
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दारूबाज ड्राइवरों के लिए सलमान एक सबक
देश की अदालतें सबको एक नजरिए से देखती हैं
हरिहर स्वरूप - 2015-05-11 17:54
जो लोग दारू पीकर गाड़ी चलाते हैं, वे सलमान खान के फैसले से सबक लें। आज ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो शराब पी लेते हैं और गाड़ी चलाते हैं। खासकर देर रात तक होने वाली पार्टियों में लोग शराब पीते हैं और खुद गाड़ी चलाकर अपने घरों की ओर पार्टी स्थल से वापस लौटते हैं। ऐसे लोग खुद और दूसरों की जान के लिए खतरा हैं। वे चलते हुए यमदूत हैं, जो किसी की भी जान ले सकते हैं। वे ऐसे लोगों की जान ले लेते हैं, जिनका कोई दोष नहीं होता। सलमान खान को 5 साल जेल की सजा होने के बाद अनेक लोग यह कहते हुए दिखाई पड़े कि वे अब शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाएंगे।