हिन्दु कट्टरपंथी राम मन्दिर निर्माण के मसले को एक बार फिर उछाल रहे हैं, तो मुस्लिम कठमुल्ले उनके बयानों का विरोध करने के साथ साथ सरकारी स्कूलों में योग और सूर्य नमस्कार कराए जाने के खिलाफ बयानबाजी में मशगूल हो गए हैं।
भाजपा के विवादास्पद सांसद साक्षी महाराज ने राम मन्दिर निर्माण के मसले को एक बार फिर उठाना शुरू कर दिया है। वे कहते हैं कि मोदी सरकार का अभी एक साल ही पूरा हुआ है और चार साल अभी बाकी है। वे कह रहे हैं कि आगामी चार साल मन्दिर निर्माण में सहायक होगा।
साक्षी महाराज कहते हैं कि वे मन्दिर आंदोलन की उपज हैं और अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण के लिए वे आवाज उटाते रहेंगे।
विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुरेन्द्र जैन कहते हैं कि लोगों ने भाजपा को विकास के लिए जनादेश दिया है, लेकिन राम मन्दिर क निर्माण जैसे अपने मूल मसले को वह नजरअंदाज नहीं कर सकती।
श्री जैन ने खुलासा किया कि परिषद ने संतों की एक समिति बनाई है, जो इस मसले के समाधान के लिए वार्ता चलाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम मन्दिर के निर्माण के लिए पहल जरूर करेंगे।
हिन्दुत्ववादी नेताओं के उन बयानों पर राजनैतिक पार्टियों के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
कांग्रेस नेता सुरेन्द्र राजपूत ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि विकास के एजेंडे पर काम करेंगे या संघ परिवार की साम्प्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे।
आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने भी इन बयानों की निंदा की है। अपने रुख को कड़ा करते हुए बोर्ड ने संघ के घर वापसी कार्यक्रम और सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार और योग करवाने के खिलाफ आंदोलन चलाने का फैसला किया है।
बोर्ड के वरिष्ठ नेता खालिद रशीद ने कहा है कि संघ नेताओं के भड़काऊ बयानों की वे निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के सदस्य इस बात को लेकर आहत थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन बयानों पर चुप्पी साध रखी है। प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि भाजपा के अन्य राष्ट्रीय नेतागण भी इन मसलों पर चुप हैं।
उत्तर प्रदेश के राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश भाजपा के नेता अपनी चुनावी सफलता को लेकर हताश हो गए हैं। 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव होना है। पिछले लोकसभा चुनाव में भारी मात खाने के बाद अब समाजवादी पार्टी फिर रौ में आ रही है। एक के बाद एक उपचुनावों को वह जीतती जा रही है और इसके कारण भाजपा नेताओं में बेचैनी व्याप्त हैं। विकास के जिस मुद्दे के आधार पर मोदी ने जीत हासिल की थी, उस मुद्दे को अब मुख्यमंत्री अखिलेश ने हड़प लिया है।
इसके कारण भाजपा नेताओं को लग रहा है कि विकास का मुद्दा उसके काम नहीं आएगा। इसलिए वे मंदिर के मुद्दे को आक्रामकता के साथ आगे लाना चाहते हैं मुस्लिम कठमुल्ले उनके इस काम में उनका सहायक हो रहे हैं, क्योंकि राम मन्दिर के अलावा वे योग और सूर्य नमस्कार का भी विरोध करने लगे हैं। (संवाद)
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मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड टकराएगा संघ से
उत्तर प्रदेश में बढ़ रहा है साम्प्रदायिक तनाव
प्रदीप कपूर - 2015-06-11 17:05
लखनऊः उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हिन्दु कट्टरपंथी और मुस्लिम कठमुल्ले अपने बयान से माहौल को जहरीला बनाने में लगे हुए हैं।