भ्रष्टाचार के ये मामले कांग्रेस को अपनी राजनीति चमकाने का मौका दे रहे हैं और उसके नेता यूपीए काल के अपने भ्रष्टाचारों की कहानी भूल गए हैं। अब तो वे विपक्ष में हैं और विपक्ष में होते हुए सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है और कांग्रेस उसके अंदर के उस घमासान से भी खुश है। उसे उम्मीद है कि भाजपा के अंदर का घमासान आने वाले दिनों में और भी तेज होगा और कांग्रेस को और भी अच्छे अच्छे मौके मिलेंगे।
नरेन्द्र मोदी के लिए यह समय बहुत खराब बीत रहा है। उन्होंने एक अपनी सरकार की एक साल की समाप्ति के बाद बहुत ही गर्व पूर्वक कहा था कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार रही। एक साल पूरा होने का जश्न अभी पूरा भी नहीं हुआ था कि भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार के मामले सामने आने लगे। भाजपा की केन्द्र सरकार पर ही नहीं, बल्कि उसकी राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार पर भी भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लग रहे हैं और पार्टी सार्वजनिक तौर से फजीहत का सामना कर रही है। बचाव में भाजपा के नेता जो कुछ भी कह रही है, उसके कारण उसकी जगहंसाई हो रही है।
व्यापम के भ्रष्टाचार के मामले को लें। वहां भ्रष्टाचार तो हुआ ही, उसके बाद उससे जुड़े मौतों का अंतहीन सिलसिला बना हुआ है। उसके मुकदमोंसे जुड़े 40 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उस पर रिपोर्ट तैयार कर रहे एक दिल्ली स्थित पत्रकार की मौत के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया। पत्रकार की मौत के तुरंत बाद ही व्यापम की जांच में सहयोग करने वाले जबलपुर मेडिकल काॅलेज के डीन की भी मौत हो गई। उसके तुरंत बाद व्यापम परीक्षा उत्तीर्ण एक महिला इंस्पेक्टर ने आत्महत्या कर ली और फिर एक हेड कंस्टेबल ने। इतने कम समय में 4 लोगों की मौत ने कांग्रेस को मौका दिया और उसने इस मामले को इतना तूल दिया कि अब व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई करने जा रही है।
अब कांग्रेस मांग कर रही है कि व्यापम घोटाले की सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में होनी चाहिए। वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के इस्तीफे की मांग भी कर रही है। उसका कहना है कि मुख्यमंत्री का परिवार और खुद मुख्यमंत्री भी व्यापम घोटाले में शामिल हैं। शिवराज के विरोधी उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने तक चुप नहीं रहेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमला कर रहे हैं और उनके भाषणों का ही इस्तेमाल उनके खिलाफ कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की चुप्पी कांग्रेस के अभियान को और भी मजबूती प्रदान कर रही है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पर 36 अरब रूपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लग रहा है। यह घोटाला जनवितरण प्रणाली से संबंधित घोटाला है। प्रदेश के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने छापा मारकर कुछ सरकारी बाबुओं से 4 करोड़ रुपये की रकम प्राप्त की और उनके पास से डायरी और पेन ड्राइव भी मिले, जिनसे पीडीएस में भारी घोटाले का पता चला। घोटालेबाजों में रमन सिंह की पत्नी के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है। (संवाद)
भारत
भाजपा से दो दो हाथ करने को कांग्रेस तैयार
भगवा कैप के अंदरूनी संघर्ष से पैदा हो रहा है संकट
कल्याणी शंकर - 2015-07-10 16:32
कांग्रेस पार्टी में अभी उत्साह का माहौल है। 2014 के लोकसभा चुनाव में मात खाने के बाद पहली बार उसे लग रहा है कि वह अपनी खोई हुई जमीन फिर से वापस पा सकती है। भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी सरकार ने इसके लिए उसे अच्छा अवसर भी प्रदान कर दिया है। आज भ्रष्टाचार के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं पहले सुषमा स्वराज का भ्रष्टाचार सामने आया, जिसमें उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ललित मोदी का गैरवाजिब साथ दिया। फिर ललित मोदी और वसुंधरा के संबंधों का खुलासा हुआ। महाराष्ट्र सरकार के भ्रष्टाचार के कुछ मामले भी मीडिया की सुर्खियों में आए और उसके बाद तो मध्यप्रदेश का व्यापम घोटाला राष्ट्रीय मीडिया में छाने लगा और अब यह सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। भाजपा की छत्तीसगढ़ की सरकार पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे।