सदन की पहली बैठक में विधानसभा के दिवंगत होने वाले सदस्यों को श्रद्धांललि दी गई। उनके अतिरिक्त कुछ लोगों को भी श्रद्धांजलि दी गई। ये वो लोग थे, जिनका निधन विधानसभा के बजट सत्र के बाद हुआ था। श्रद्धांजलि देने वाली बैठकों में आमतौर पर शांति होती है, लेकिन वह बैठक भी हंगामेदार रही। विपक्ष का कहना था कि व्यापम घोटाले से जुड़े जिन लोगों की मौत हुई है, सदन में उन्हें भी श्रद्धांजलि दी जाय, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की बात मानने से इनकार कर दिया।

दूसरे दिन तो सदन में भारी हंगामा हुआ। व्यापम घोटाले पर कांग्रेस और भाजपा के विधायक आपस में बुरी तरह उलझ रहे थे और दूसरे के खिलाफ आरोप पर आरोप लगा रहे थे। इस क्रम में दोनों पक्षों के बीच घूसेबाजी भी होने लगी।

कांग्रेसी विधायक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के इस्तीफे की मांग कर रहे थे और कह रहे थे कि जबतक उनका इस्तीफा नहीं होता, वे सदन को चलने नहीं देंगे। जैसे ही सदन में काम शुरू हुआ, कांग्रेसी विधायक अपनी अपनी सीटों पर खड़े हो गए और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे। पक्ष और विपक्ष के बीच नारेबाजी होती रही और कुछ समय के बाद स्पीकर ने एक घंटा के लिए विधानसभा का सत्र स्थगित कर दिया। इसके कारण प्रश्न काल नहीं हो सका। जब सदन दुबारा बैठा तो कांग्रेसी विधायक एक बार फिर हंगामा करने लगे और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्र ने विपक्ष के खिलाफ सेंसर का प्रस्ताव पेश किया, जो सदन में घ्वनि मत से पारित हो गया।

हंगामे के बीच ही स्पीकर ने कुछ समय तक सदन के कामकाज को आगे बढ़ाया और उसमें कुछ काम भी हुए। पर दोपहर के भोजन के बहुत पहले ही एक बार फिर सदन को स्थगित कर दिया गया। स्थगन के बाद कांग्रेस के विधायक व्यापम घोटाले के लिए भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन के बाहर आए।

एक समय जब हंगामा समाप्त होने को था, तो कांग्रेस विधायक सुन्दरलाल तिवारी ’’बचाओ, बचाओ’’ की आवाज लगाते हुए सुनाई पड़े। उन्हें भाजपा विधायक जसवंत सिंह हाडा ने कमर से पकड़ रखा था। उसके बाद अनेक विधायक आपस में गुत्थम गुत्था हो गए और मार्शल ने हस्तक्षेप कर उन लोगों का एक दूसरे से अलग किया।

इस हंगामे में कांग्रेस के एक विधायक रजनीश सिंह जमीन पर गिर गए। उन्होंने बाद में आरोप लगाया कि उनका पैर टूट गया और उनकी मेडिकल जांच की जानी चाहिए उसके बाद विपक्ष के नेता सत्यदेव कटारे ने कहा कि किसी ने उनके पंजरे पर हमला किया है और वे भी घायल हैं। उन्हें भी अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने भाजपा विधायक सुदर्शन गुप्ता, मनोज पटेल और कुछ अन्य लोगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया।

विपक्ष के नेता कटारे ने कहा कि पिछले सोमवार को ही भाजपा विधायकों को पार्टी की ओर से हिदायत दे दी गई थी कि वे सदन के अंदर आक्रामक रवैया अपनाएं और व्यापम घोटाले के सदन में उठाने पर कांग्रेसी विधायकों को करारा जवाब दें।

22 जुलाई को भी वही सबकुछ दुहराया गया। वह सत्र का तीसरा दिन था। बैठक की शुरुआत होते ही हंगामा शुरू हो गया था। स्पीकर की शांति स्थापना की मांग को अनसुना कर दिया गया और उसके बाद सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। (संवाद)