संवाद से बात करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव अतुल अंजान ने कहा है कि उत्तर प्रदेश किसान सभा के सदस्यों को कहा जाएगा कि वे प्रदेश भर में रास्ता रोको और रेल रोको आंदोलन चलाएं।
श्री अंजान ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के कारण किसान भारी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं और शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले मार्च और अप्रैल महीने मे बेमौसम की बरसात के कारण फसलें प्रभावित हुईं और इसके कारण किसानो को भारी नुकसान हुआ। नुकसान के कारण भारी संख्या मे किसानो ने आत्महत्याएं कीं, क्योंकि केन्द्र और प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई।
गन्ना किसानों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए अंजान ने कहा कि उन किसानों का चीनी मिल के मालिको पर 8 हजार करोड़ रुपये का बकाया है।
कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने अपने अनेक आदेशों में राज्य सरकार को गन्ना किसानो के बकायो का भुगतान करने के लिए कहा है, लेकिन सरकार पर उन आदेशों का कोई असर नहीं पड़ता। इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार और चीनी मिल मालिको के बीच के नापाक गठबंधन को जिम्मेदार बताया है।
अंजान ने रहस्योद्घाटन किया कि किसानों की तो सरकार किसी प्रकार की सहायता नहीं कर रही है, पर निजी चीनी मिल मालिकों को उसने 6 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बिना किसी ब्याज के दिया है।
अतुल अंजान ने कहा कि सरकारों की पूंजीपति समर्थक नीतियो के कारण बिजली, इथनाॅल और शराब की कीमतें बढ़ गई हैं। इनकी कीमतों में वृद्धि के कारण मिल के मालिकों को 20 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। इसके बावजूद वे किसानों के बकायों का भुगतान नहीं कर रहे हैं। उसका असर यह हुआ है कि किसान गन्ने की खेती में दिलचस्पी लेना बंद कर रहे हैं।
अपनी मांगों की चर्चा करते हुए अंजान ने कहा कि उत्तर प्रदेश किसान सभा किसानों पर बनी स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने की मांग करेगी। कृषि उपज में 50 फीसदी मुनाफे की गारंटी की मांग भी वह सरकार से करेगी। 60 साल से अधिक उम्र के किसानो और मजदूरों के लिए वह 3 हजार रुपये प्रति महीने पेंशन की मांग करेगी। भूमि को भूमाफिया से बचाने की मांग भी वह करेगी। सेज के लिए ली गई जो जमीन अभी तक खाली है, उसे किसानों को वापस करने की भी वह मांग करेगी। मनरेगा के तहत साल मे 200 दिनों तक काम 300 रुपये प्रति दिन की मजदूरी से देने की मांग भी आंदोलन की सूची में शामिल होगी और जो किसान आत्महत्या करते हैं, उनके परिवार के लिए 10 लाख मुआवजे की भी मांग होगी।
उन्होंने कहा कि आगामी 1 सितंबर को सभी जिलाधिकारियों को आंदोलनकारियों द्वारा मांग पत्र सौंपे जाएंगे। बाद में वे मांग पत्र प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी दिए जाएंगे। (संवाद)
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उत्तर प्रदेश किसान सभा करेगी आंदोलन
किसानों की आत्महत्या रुकने का नाम नहीं ले रही
प्रदीप कपूर - 2015-08-01 11:21
लखनऊः उत्तर प्रदेश किसान सभा ने अखिलेश सरकार की उदासी के कारण किसानो की बढ़ती दुर्दशा के प्रति चेतना फैलाने के लिए प्रदेश भर में आंदोलन करने का निर्णय किया है।