इस सवाल पर प्रदेश के राजनैतिक पंडित विभाजित हैं। कुछ लोगों का कहना है कि भारत धर्म जनसेना नाम की यह नई पार्टी प्रदेश में एक मजबूत तीसरा मोर्चा के उभरने का कारण बनेगी, तो कुछ ऐसे पंडित भी हैं, जो मानते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा।
संदेहवादियों का मानना है कि हिन्दू खुद विभाजित लोग हैं। अपनी बात को साबित करने की कोशिश करते हुए वे कहते हैं कि इस मसले पर खुद भारतीय जनता पार्टी का मत एक नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने उस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें नई पार्टी के गठन का फैसला किया गया थां उसके अलावा हिन्दू ऐक्य वेदी ने भी उस कार्यक्रम से अपनी दूरी बना रखी थी।
उनके उस कार्यक्रम से दूर रहने के कारण हैं। यह किसी से छिपा हुआ नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी योगम द्वारा वेल्लापल्ली नतेशन के प्रस्तावित मोर्चे का नेता प्रोजेक्ट करने से खुश नहीं है। गौरतलब हो कि श्री नतेशन योगम के महासचिव हैं और योगम को पार्टी बनाने के लिए तैयार करने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका रही है।
यह सच है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेताओं ने अपनी नाराजगी को सार्वजनिक रूप से जाहिर नहीं किया है। लेकिन यह साफ देखा जा सकता है कि अपने नेताओं की उपक्षा किए जाने से भारतीय जनता पार्टी वहां दुखी है। यही कारण है कि योगम जब नई पार्टी को लांच कर रहा था, तो भाजपा ने उस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया।
भारतीय जनता पार्टी के अंदर जो योगम की नई पार्टी के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि इससे कोई लाभ नहीं होने वाला। वे पिछले दिनों हुए स्थानीय निकायों के चुनावों का हवाला दे रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाजपा का योगम के साथ गठबंधन हुआ था, लेकिन उससे उसे कोई फायदा नहीं हुआ। वे यह भी कहते हैं कि यदि वह गठबंधन नहीं हुआ होता, तो पार्टी ज्यादा फायदे में रहती।
संदेश स्पष्ट है। श्री नतेशन को मोर्चा का नेता प्रोजेक्ट किए जाने की कोशिश का भारतीय जनता पार्टी पूरा विरोध करेगी। यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी योगम द्वारा गठित की गई नई पार्टी को कोई राजनैतिक जगह नहीं देना चाह रही है।
योगम के महासचिव नतेशन को भी यह पता है कि उनकी नवगठित भारत धर्म जनसेना के प्रति भारतीय जनता पार्टी का रवैया क्या है। यही कारण है कि उन्होंने कह डाला कि हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना उनकी पार्टी का उद्देश्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। हालांकि नवगठित पार्टी का घोषित उद्देश्य ही अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति का विरोध करते हुए हिन्दू संगठनों को एक छाते के नीचे लाना है। (संवाद)
नई पार्टी को लेकर केरल में उथल पुथल
भाजपा और वाममोर्चा में भ्रम की स्थिति
पी श्रीकुमारन - 2015-12-09 09:38
तिरुअनंतपुरमः श्री नारायणा धर्म परिपालना योगम ने एक राजनैतिक पार्टी के गठन का फैसला कर लिया है। योगम केरल की सबसे ज्यादा आबादी वाली हिन्दुओं की इझावा जाति का एक सामाजिक संगठन है। उस फैसले के बाद प्रदेश के राजनैतिक हलकों मंे इस बात को लेकर अटकबाजी की जा रही है, क्या इस नई पार्टी का गठन तीसरे मोर्चे के उदय का कारण बनेगा?