यह प्रोजेक्ट तीन महीनों मंे ही पूरा हो गया। केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज कुमार सिन्हा परीक्षण के मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि 2020 ईस्वी तक पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्यों की राजधानियां ब्रौड गेज रेलवे लाइन से जुड़ जाएंगी।
त्रिपुरा स्थित अखबारों मंे रिपोर्ट छपी है कि पूर्वोत्तर राज्यों की एक बहुत पुरानी मांग कि उन्हें भारत की मुख्यभूमि के साथ जल्द से जल्द परिवहन सुविधाओं द्वारा बेहतर तरीके से जोड़ा जाय, जल्द पूरा होने वाला है। इसके कारण क्षेत्र के कुछ लोगों मंे अलग-थलग पड़े रहने की जो भावना है, वह समाप्त हो जाएगी। अलगाव की इस भावनाओं के कारण ही अलगाववादी तत्व पैदा होते हैं। जाहिर है, अब वहां के लोगों को लग रहा है कि बढ़ते जुड़ाव के साथ अलगाववाद की वह समस्या भी समाप्त हो जाएगी।
इस बीच भारत के अगरतल्ला और बांग्लादेश के अखौरा के बीच 15 किलोमीटर लंबी रेललाइन पर काम तेज करने का फैसला दोनों देशों की सरकारों ने किया है। इस प्रोजेक्ट को 2010 में ही स्वीकृति मिल गई थी। उस समय भारत के तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच इसके लिए एक समझौते पर दस्तखत हुआ था।
लेकिन दोनों देशों के बीच इस प्रोजेक्ट पर एक दूसरे के साथ सहयोग करने में लगातार कोताही बरती गई और इसके कारण इस प्रोजेक्ट पर काम लगातार विलंबित होता गया। शुरू में इस पर 271 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान था, जो अब बढ़कर 575 रुपये हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाय।
भारत के इलाके में 5 किलोमीटर लाइन का काम उठे हुए खम्भे पर होना है। उसके बाद अखौरा तक की लाइन का खर्च भी भारत ही उठाएगा। त्रिपुरा सरकार का मानना है कि एक बार जब इस कनेक्शन ने काम करना शुरू कर दिया, तो त्रिपुरा बांग्लादेश, म्यान्मार, बैंकाक और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशो के बीच होने वाले व्यापार का मुख्य केन्द्र बन जाएगा।
देर होने का एक कारण भारत की ओर से जमीन अधिग्रहण में किया गया विलंब था। स्थानीय लोगों की रजामंदी लेने में बहुत परेशानी हो रही थी। इस देर के कारण जमीन का खर्च भी बढ़ा और अन्य खर्च भी बढ़ गए। अब अधिग्रहण की समस्या हल हो गई है और स्थानीय लोगों को विश्वास में ले लिया गया है।
भारतीय रेलवे ने बांग्लादेश के अंदर रेल लाइन बिछाने का काम पहले भी किया है। परबतीपुर से जमतोली तक 290 किलोमीटर तक लाइन बिछाने का काम किया गया है। अब रेलवे त्रिपुरा में सबरुम से उदयपुर तक भी रेल लाइप बिछाने का विचार कर रहा है। यह प्रोजेक्ट 2017 तक पूरा हो जाएगा। (संवाद)
मुख्यभूमि भारत से पूर्वोत्तर का जुड़ाव
यह है भारत के हित में
आशीष बिश्वास - 2016-01-18 17:49
अगरतल्ला से अम्बासा के बीच एक रेल लिंक पर एक विशेष गाड़ी के चालन का सफल परीक्षण हुआ। यह ब्रोड गेज की लाइन है। इसके कारण भारत की मुख्यभूमि के साथ भारत का रेल जुड़ाव मजबूत हो गया है।