मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट के बेंच से मांग की थी कि इसकी सुनवाई जल्द से जल्द पूरी कर ली जाय। कोर्ट ने उनकी इस मांग को नकार दिया। इससे मुख्यमंत्री चांडी के अरमानों को भारी झटका लगा है।
सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में पी विजयन को पाक साफ करार दिया था। उसके बाद मुख्यमंत्री दबाव डाल रहे थे कि सीबीआई उस मामले को लेकर हाई कोर्ट में जाय। सीबीआई हाई कोर्ट में गई भी और हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू भी कर दी। मुख्यमंत्री को उम्मीद थी कि ठीक चुनाव के समय हाई कोर्ट कोई ऐसा फैसला करेगा, जो पी विजयन के खिलाफ जाएगा और तब वे उसका चुनावी लाभ उठा पाएंगे।
लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बेंच ने साफ साफ कहा कि न्यायपालिका का इस्तेमाल राजनैतिक लाभ हासिल करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उसने कहा कि उसे यह समझ में नहीं आ रहा है कि राज्य सरकार इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई के लिए बेचैन क्यों है।
बेंच ने इस बात को रेखांकित किया कि दूसरा पक्ष कह रहा था कि सरकार राजनैतिक कारणों से इसकी जल्द से जल्द सुनवाई चाहती है। उसने सबको चेतावनी देते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया का इस्तेमाल वे राजनैतिक रोटियों के सेंकने में न करें। बेंच के जज ने कहा कि 2000 ईस्वी और उसके बाद के अनेक केस अदालत के सामने है, इसलिए वे ऐसा कुछ भी नहीं देख रहे हैं, जिसके कारण इस एक केस को अन्य केसों से ज्यादा महत्व दें।
जल्द सुनवाई करवाने के पीछे राज्य सरकार का इरादा स्पष्ट था। यदि फैसला विजयन के खिलाफ जाए, तो उनके लिए एलडीएफ की सरकार बनने की स्थिति में उनका मुख्यमंत्री बनना असंभव हो जाएगा।
कोर्ट को इस तथ्य का एहसास हो चुका है। उसके आदेश से इसका पता चल जाता है। इस फैसले ने मुख्यमंत्री का चेहरा देखने लायक बना दिया है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि गृहमंत्री रमेश चेनिंथाला ने मुख्यमंत्री को मना किया था कि वे इस मामले में हाई कोर्ट में अपील करवाने की कोशिश ने करें। उन्होंने प्रदेश के कानून मंत्रालय की सलाह पर ऐसा कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी बात नहीं मानी।
इस फैसले से अब सीपीएम बहुत राहत महसूस कर रही है। मुख्यमंत्री समेत सत्तापक्ष के अनेक नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं, जिसके कारण उनकी छवि खराब हो रही है। लवलीन केस के द्वारा सत्तापक्ष के लोग सीपीएम की भी वैसी ही छवि बनाने की कोशिश में लगे हुए थे, लेकिन उनकी वह कोशिश फिलहाल विफल हो गई है। (संवाद)
लवलीन केस की विलंबित सुनवाई
पी विजयन और सीपीएम के खेमे में खुशी
पी श्रीकुमारन - 2016-02-29 11:44
तिरुअनंतपुरमः केरल की सीपीएम ईकाई के लिए लवलीन मामले की अंतिम सुनवाई को हाई कोर्ट द्वारा दो महीने तक टालने की घटना एक वरदान के रूप में आई है। इस मामले से सीपीएम के नेता पी विजयन का नाम जुड़ा हुआ है, इसलिए पी विजयन के लिए तो यह बहुत ही राहत का सबब लेकर आया है।