अभी विधानसभा में अगल अलग पार्टियों की जो ताकत है, उसके अनुसार समाजवादी पार्टी आसानी से अपने 6 उम्मीदवारों को जिता सकती है, बसपा अपने दो उम्मीदवारों को राज्यसभा में भेज सकती है और भाजपा को भी अपने एक उम्मीदवार को जीत दिलाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। कुछ निर्दलीय विधायकों की सहायता से कांग्रेस भी एक उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की स्थिति में है।
लेकिन समाजवादी पार्टी ने 7 उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं। जाहिर है, उसे अपने सातवें उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए कुछ अन्य विधायकों का साथ चाहिए। एक निर्दलीय उम्मीदवार भी खड़ी हो गई हैं। यानी इस चुनाव में 2 उम्मीदवारों की हार होनी है।
भाजपा ने शिव प्रताप शुक्ल को अपना आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया है और वह निर्दलीय उम्मीदवार प्रीति महापात्र का भी समर्थन कर रही है। प्रीति की जीत सुनिश्चित कराने के लिए भाजपा दूसरे दलों के विधायकों और निर्दलीयों के संपर्क में है, जिसके कारण अन्य दलों में हड़कंप मच गया है।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी आरोप लगा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी विधायकों की खरीद करने मे जुटी हुई है और वह उन्हें अगले चुनाव में टिकट देने का वायदा भी कर रही है। हालांकि तिवारी कह रहे हैं कि बसपा विधायकों के समर्थन से उनकी पार्टी की जीत सुनिश्चित है, फिर भी पार्टी के अंदर कुछ ऐसे विधायक हैं, जो टिकट कटने के डर से भाजपा से हाथ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब हो कि कांग्रेस ने कपिल सिब्बल को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा का अपना उम्मीदवार बनाया है।
खतरा समाजवादी पार्टी के सामने भी है। उसे अपने सभी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए 9 अतिरिक्त विधायकों का समर्थन चाहिए, पर खुद उसकी पार्टी के विधायकों के कहीं और खिसक जाने का खतरा पैदा हो गया है। समाजवादी पार्टी के अनेक विधायकों को लग रहा है कि उन्हें अगले चुनाव मंे पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा और उनमें से अधिकांश भारतीय जनता पार्टी के संपर्क मंे हैं।
समाजवादी पार्टी ने अपने सभी विधायको को कहा है कि मतदान होने तक वे लखनऊ में ही रहें और कैसे मतदान किया जाए, इसके लिए दिए जाने वाले शिक्षण कार्यक्रम में शामिल हों।
ठाकुर विधायकों के विद्रोह के डर से मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव राजा भैया के घर जा पहुंचे और वहां ठाकुर विधायकांे से मुलाकात की।
बहुजन समाज पार्टी के विधानसभा में 80 सदस्य हैं और उनके दोनों उम्मीदवारो की जीत लगभग सुनिश्चित मानी जा रही थी। बसपा के पास अतिरिक्त 12 विधायक भी हैं, जिन्हें कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने के लिए कहा गया है। पर भारतीय जनता पार्टी जिस आक्रामक ढंग से दलितों का समर्थन पाने के लिए सक्रिय है, उससे बसपा भी डर गई है। (संवाद)
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा का चुनाव
अन्य दलों के विधायकों की खरीद की कोशिश में भाजपा
प्रदीप कपूर - 2016-06-09 17:59
लखनऊः उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के लिए 11 और विधानपरिषद के लिए 13 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के कारण ये चुनाव बहुत ही दिलचस्प हो गए हैं। उसने अपनी ताकत से ज्यादा उम्मीदवार विधानपरिषद के लिए खड़े कर दिए हैं और राज्यसभा के लिए उसने एक निर्दलीय उम्मीदवार को खड़ा कर रखा है।