बड़े रेल स्टेशनों की सुरक्षा चाक चैबंद होती है और वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे होते हैं। उनसे बचने के लिए अब संदिग्ध आतंकवादी बड़े स्टेशनों का इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि अपनी यात्रा के लिए छोटे स्टेशनों का इस्तेमाल करते हैं। इसके कारण वे सीसीटीवी के कैमरों से बच जाते हैं।
एक और दिलचस्प पहलू यह है कि अब वे अपनी बैठकें दिन में भीड़भाड़ वाले इलाकों में करते हैं। वे भीड़भाड़ वाले होैस्पीटलों के रिसेप्शन पर अपनी बैठके करते हैं। वे छिपे हुए कैमरों से अपने को बचाने की भी इस तरह कोशिश करते हैं। आसपास की भीड़ की आवाज में उनकी अपनी आवाज भी दब जाती है और इस तरह वे अपनी गोपनीयता बनाए रखने में कामयाब हो जाते हैं।
गिरफ्तार तीन आतंकवादियों से हुई पूछताछ से पता चला कि वे अपने सहभागियों के साथ पिछले कुछ समय में 6 अलग अलग अस्पतालों में मिल चुके हैं। वे सभी अस्पताल ग्रेटर कोलकाता में ही आते हैं।
गिरफ्तार तीन आतंकवादियों में एक का नाम मूसा है। उसे बर्दमान में गिरफ्तार किया गया है। हैदराबाद में गिरफ्तार अफ्सा जबीन की गिरफ्तारी के बाद उसका नाम सामने आया। उसके दो अन्य सहयोगियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। वे तीनों बर्दमान जिले के ही हैं।
वे तीनों बंगाल से भारत के अन्य हिस्सों में यात्रा कर रहे थे। वे बांग्लादेश की भी यात्रा कर लेते थे। उनकी इन यात्राओं के बारे में उनके परिवार के लोगों को भी पता नहीं रहता था। वे जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बांग्लादेश मंे घुस जाया करते थे। प्रवेश को आसान बनाने के लिए वे बिमारी का भी बहाना बनाते थे। इसके कारण अस्पताल उनकी मुलाकातों के लिए आसान जगह बन गई थी।
माना जा रहा है कि भारतीय रेल छोटे स्टेशनों पर भी सीसीटीवी कैमरा लगाएगी। रेलवे जवानों की संख्या बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। इस समय प्रदेश में सिर्फ 35 सौ जीआरपी जवान ही हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों पर भी नजर रखने के उपाय किए जाने की चर्चा चल रही है।
स्थानीय पुलिस और पुलिस स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के लिए ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अब मकान मालिकों को कहा जा रहा है कि वे अपने किरायेदारों, घरेलू नौकरों और ड्राइवरों के बारे में पुलिस को जानकारी उपलब्घ कराएं।
मुसा के ग्रुप के तीन लोग तो गिरफ्तार कर लिए गए हैं। लेकिन उस ग्रुप में एक चैथा व्यक्ति भी है। उसका नाम मुहम्मद सुलेमान है। बंगाल और बंग्लादेश की पुलिस उसकी खोज कर रही है। वह बांग्लादेश के जमात ए इस्लामी का एक सक्रिय सदस्य हुआ करता था। इस समय वह इस समय वह जमातुल मुजाहिदीन आॅफ बांग्लादेश का सक्रिय सदस्य है। इस ग्रुप ने बांग्लादेश के आवामी लीग के अनेक कार्यकत्र्ताओं की हत्या की है। चुनाव के दौरान वे पुलिस से भी भिड़ते रहे हैं। (संवाद)
मुस्लिम आतंकवादी बंगाल में अपना विस्तार कर रहे हैं
ममता बनर्जी ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की
आशीष बिश्वास - 2016-07-12 16:53
कोलकाताः पश्चिम बंगाल में मुस्लिम आतंकवादी अपने नेटवर्क का विस्तार करते जा रहे हैं। हाल ही के दिनों में केन्द्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच इस मसले पर बातचीत हुई। उस बातचीत में यह बात उभर कर आई कि सुरक्षा जरूरतों को और भी मजबूत किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली की अपनी अगली यात्रा के दौरान इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत करेंगी।