मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का घेराव हुआ। भारतीय जनता पार्टी के ही एक विधायक ने गैरकानूनी खनन का मुद्दा उठाया था। वे कह रहे थे कि उनके विधानसभा क्षेत्र में गैरकानूनी तरीके से खनन का काम हो रहा है। उनकी उस मांग के पक्ष में विपक्षी कांग्रेस विधायक भी उनके साथ खड़े हो गए।
गैरकानूनी खनन का मुद्दा उठाने वाले विधायक थे बहादुर सिंह चैहान, जो माहिदपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कांग्रेस विधायकों ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उनका कहना था कि वे अधिकारी उत्तर प्रदेश के खान माफिया के साथ मिलकर अवैध खनन करना रहे हैं।
चांदला विधानसभा क्षेत्र के विधायक आर डी प्रजापति अधिकारियों के खिलाफ मांग करते हुए अपनी सीट पर खड़े हो गए। खान मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी और दोषी लोगों को सजा दी जाएगी। इसके बावजूद आर डी प्रजापति अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने कहा कि जब तक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती, वे सीट पर खड़े रहेंगे।
श्री प्रजापति ने कहा कि यदि उनका आरोप गलत साबित हुआ, तो वे विधायक के अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होने चुनौती दी कि यदि किसी को लगता है कि उनका दावा गलत है, तो वह उनके खिलाफ एफआइआर करें।
आरडी प्रजापति भारतीय जनता पार्टी के ही विधायक हैं। उन्होंने कहा कि खनन माफिया छतरपुर जिले में सक्रिय है। हजारों ट्रक वहां से रोज खनिज संपदा ढोकर जिले से बाहर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खनन माफिया हिंसा का सहारा भी ले रहा है, जिसके कारण दो लोग मारे भी जा चुके हैं।
प्रजापति ने मांग की कि जिला खान अधिकारी को निलंबित किया जाय। निलंबन की उस मांग का अन्य अनेक विधायकांे ने समर्थन किया। प्रजापति ने स्पीकर से कहा कि या तो वे सरकार द्वारा उस अधिकारी का निलंबन सुनिश्चित कराएं या खुद उन्हें ही विधानसभा से निलंबित कर दें। उन्होंने उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने की स्थिति में खुद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देने की धमकी भी दे डाली।
जब खान मंत्री शुक्ला ने उस अधिकारी को निलंबित करने के बारे में किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया तो मंत्री ललिता यादव सहित अनेक विधायकों ने मंत्री शुक्ला का विधानसभा के अंदर ही घेराव कर डाला। वे शुक्ला पर दबाव डाल रहे थे कि वे प्रजापति की मांग को स्वीकार कर लें। जब स्पीकर ने देखा कि मंत्री बुरी तरह घिर गए हैं, तो उन्होंने विधानसभा की कार्रवाई ही स्थगित कर दी। आधे घंटे तक कार्रवाई स्थगित करने का उन्होंने आदेश जारी कर दिया।
कांग्रेस विधायकों और भाजपा मंत्रियों के बीच गरमा गरम बहस भी हुई। कांग्रेस के अजय सिंह ने पूछा कि क्या राज्य सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए गंभीर है भी या नहीं।
हंगामे के कारण स्पीकर को सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए एक बार फिर स्थगित करनी पड़ी।
जब सदन की कार्रवाई दुबारा शुरू हुई तो करीब 30 विधायक मंत्री शुक्ला के पास आए और करीब 10 मिनट तक उनसे बतियाते रहे। उसके बाद उन विधायको ने विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया।
जब विधानसभा की कार्रवाई नहीं चल रही थी, तो विधायक प्रजापति, मंत्री शुक्ला और कुछ अन्य विधायक स्पीकर के चैंबर मंे पहुंचे। उसके बाद जब सदन की कार्रवाई शुरू हुई, तो प्रजापति ने कहा कि वे मंत्री शुक्ला के आश्वासन से संतुष्ट हैं। उनके वैसा कहते ही कांग्रेस विधायक एकाएक गुस्से में आ गए। उन्होंने कहा कि मंत्री ने प्रजापति को जो भी आश्वासन दिया है, उसे सदन के सामने सार्वजनिक किया जाय, क्योंकि प्रश्नकाल के समय वह प्रश्न पूछा गया था। (संवाद)
मघ्यप्रदेश विधानसभा में खान माफिया का मसला गूंजा
भाजपा विधायक ने घेरा
एल एस हरदेनिया - 2016-07-30 17:24
भोपालः मध्य प्रदेश में विचित्र घटनाएं घटित हो रही हैं। क्या कोई ऐसा सोच सकता है कि कोई मंत्री अन्या विधायकों के साथ अपने दूसरे साथी मंत्री का घेराव करे? यह घटना मध्यप्रदेश विधानसभा के पटल पर घटी।