अपने इस मुलायम हिन्दुत्व कार्ड के द्वारा वह भारतीय जतना पार्टी के कट्टर हिन्दुत्व कार्ड को काटना चाहते हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी कट्टर हिन्दुत्व कार्ड के साथ उत्तर प्रदेश के आगामी आमचुनाव को अपने हक में करने की कोशिश कर सकती है।
अखिलेश अयोध्या का भी इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लखनऊ में एक संत सम्मेलन में शिरकत की, जहां संतों ने उन्हें आशीर्वाद दिया। वे संत अयोध्या से आए हुए थे।
अखिलेश यादव के लिए इससे अच्छा क्या हो सकता था कि उन संतों ने उन्हें कृष्ण का अवतार तक बता दिया।
संतों के एक समूह ने अखिलेश यादव की बहुत प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने अयोध्या के लिए अन्य लोगों से ज्यादा काम किया है। उस समूह का नेतृत्व जगतगुरू श्रीधराचार्य और हनुमान गढ़ी के महंत ज्ञान दास कर रहे थे।
अयोध्या के संतों ने अखिलेश की प्रशंसा करते हुए उनका आभार जताया कि उन्होंने संध्यास्थल के निर्माण के 5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया।
गोरखपुर से सांसद महंत आदित्यनाथ और संघ परिवार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के आंदोलन को एक बार फिर से हवा देने की कोशिश करने लगे हैं। इस माहौल में महंत ज्ञान दाव का वह बयान काफी महत्व रखता है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे मंदिर का निर्माण दूध बहाकर करना चाहते हैं न कि खून बहाकर।
महंत ज्ञान दास ने उन ताकतों की भी आलोचना की जो राम मंदिर का इस्तेमाल अपने राजनैतिक स्वार्थाें के लिए करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बाबरी मस्जिद बनाम राम मंदिर मुकदमे के सबसे पुराने मुदय हामिद अंसारी के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध थे। गौरतलब हो कि पिछले दिनों हामिद अंसारी का निधन हो गया था।
अयोध्या के संतों की उपस्थिति में अखिलेश यादव ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा रहे तीर्थयात्रियों को वित्तीय सहायता की वित्तीय सहायता पाने वालों में सिंधु दर्शन के लिए जा रहे तीर्थयात्री भी शामिल थे।
मानसरोवर निष्काम सेवा समिति के अध्यक्ष उदय कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा उपलब्ध कराई गई यह वित्तीय सहायता देश के किसी भी राज्य सरकार द्वारा कराई गई वित्तीय सहायता से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि गुजरात सकरार तीर्थयात्रियों को 20 हजार रुपये की सहायता प्रदान करती है, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रत्येक तीर्थयात्री 50 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध कराई।
हिन्दुओं का विश्वास जीतने के लिए मुलायम सिंह यादव ने मुफ्त समाजवादी श्रवण यात्रा की योजना भी शुरू की है। यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। इसके तहत तीर्थस्थलों के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं। उन ट्रेनों को हरी झंडी खुद अखिलेश यादव अथवा उनकी सरकार के कोई अन्य मंत्री दिखाते हैं। जब वे यात्री वापस लौटते हैं, तब भी उनकी अगवानी किसी मंत्री के द्वारा की जाती है।
अखिलेश सरकार ने अयोध्या, मथुरा और काशी के लिए विकास की योजनाएं भी तैयार की हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास पुनर्निमाण का आदेश अखिलेश ने दिया है। मथुरा मे कृष्ण थीम पाकै के लिए 50 एकड़ की जमीन दी गई है।
जब कैराना से हिन्दुओं के पलायन की बात हो रही थी, तब भी उन्होंने संतो की एक टीम वहां भेजी थी। उस टीम ने वहां से लौटकर पलायन की उस घटना को गलत बताया था और भारतीय जनता पार्टी के दुष्प्रचार की निंदा की थी। (संवाद)
अखिलेश का मुलायम हिन्दुत्व
भाजपा के कट्टर हिन्दुत्व से मुकाबले की तैयारी
प्रदीप कपूर - 2016-08-14 04:09
लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी हिन्दुत्व कार्ड खेल रहे हैं, हालांकि उनके इस कार्ड को हम मुलायम हिन्दुत्व कार्ड कह सकते हैं, क्योंकि इसमें इस्लाम विरोधी कट्टरता नहीं है।