राज्य कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में उपरोक्त निर्णय किया गया। बैठक मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के आवास पर हुई। बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए कैबिनेट सचिव डीके सक्सेना ने पत्रकारों को बताया कि बैठक में १८ प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है। बैठक में डीजल पर वैट की दरों में बढ़ोत्तरी करने निर्णय हुआ है। इसे १४.५ प्रतिशत से बढ़ाकर २० प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे अब झारखंड में डीजल की कीमतों में डेढ़ से दो रुपये की बढ़ोतरी हो जायेगी। बजट सत्र के दौरान चार मार्च को द्वितीय अनुपूरक बजट का प्रस्ताव लाया जायेगा।

पांच मार्च को सरकार सदन में बजट पेश करेगी। २६ मार्च को विनियोग विधेयक का उपस्थापन होगा। श्री सक्सेना ने बताया कि बैठक में वाणिज्य कर विभाग में (संविदा के आधार पर) २५ पदों पर नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिसमें १६ गजेटेड व नौ नन गजटेड पदों पर होगी बहाली। शहरी स्थायी निकायों के सु.ढ़ीकरण के लिए संविदा के आधार पर १०० पदों पर नियुक्ति की जायेगी। जिसमें ३६ पद सहायक अभियंता, २१ पद जूनियर अभियंता, १४ पद कार्यालय सहायक, १९ पद सहायक के होंगे। सिटी मैनेजर के लिए कुल ४२ पदों पर तीन वर्षों के अनुबंध के आधार पर नियुक्ति होगी। इसी क्रम में कैबिनेट ने १८१ पुल-परियोजनाओं के लिए १४७.८ करोड़ के व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है।

उन्होंने बताया कि देवघर में स्पोर्टस काम्पलैक्स के निर्माण के लिए १५ करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है। बीपीएल सूची व अंत्योदय योजना का लाभ नहीं ले रहे, सूखा प्रभावित क्षेत्र के गरीबों को सरकार चार सौ रुपये का अनुदान प्रति माह देगी। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत कैबिनेट ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को विकसित करने, एकलव्य विद्यालय के विकास व वनाधिकार क्षेत्र में सहयोग के लिए ५७.३० करोड़ रूपये स्वीकृति प्रदान की है। बैठक में राज्य में फेरीवालों को सीधे तौर पर लाभान्वित करने के लिए आजीविका सुरक्षा भेंडिंग अधिनियम विधेयक २०१० को मंजूरीे दी गयी है। कैबिनेट ने केन्द्रीय योजनाओं को लागू करने के लिए ग्राम, पंचायत व प्रखंड स्तर पर तीन समितियों के गठन को मंजूरी प्रदान की है। यह समिति केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायक की भूमिका अदा करेगी। इसी क्रम में पीडीएस में अतिरिक्त व्यय के लिए राज्य सरकार ने तीन महीने में ७.५ करोड़ की स्वीकृति दी है। वर्ष २०१० के योजना आलेख को बुधवार को मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति दी गयी है। ज्ञात हो कि जेएनयूआरएम द्वारा चलाये जाने वाली योजनाओं में केन्द्र, राज्य व स्थानीय बॉडी द्वारा पैसा दिया जाता है, लेकिन अब लोकल बॉडी द्वारा निवेश संबंधित राशि का वहन राज्य सरकार करेगी।