पिछले एक दशक में राज्य ने विकास के क्षेत्र मंे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब मध्यप्रदेश निर्माण के मामले में अन्य राज्यों से कहीं आगे है। पिछले एक दशक में श्री चैहान ने कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मंचों में सरकार द्वारा व्यापार बढ़ाने के उदेश्य से उठाए गए कदमों के बारे में जिक्र किया है। श्री चैहान ने सरकार द्वारा व्यापार बढ़ाने के उदेश्य से निर्मित किए जा रहे वातावरण पर यह बात हमेशा ही कही है कि मध्यप्रदेश के आर्थिक विकास और समृद्धि से सिर्फ राज्य को लाभ नहीं होगा, बल्कि अन्य राज्यों, निवेशकों और उद्योगपतियों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से और शिखर सम्मेलन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने कई देशांे एवं कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से आने वाले निवेशकों से अपने संबंध कायम किए। उद्योग के क्षेत्र में पिछले एक दशक में प्रदेश की कई योजनाओं और नीतियों को आम लोगों के विकास के अनुरूप तैयार किया गया है। यही वजह रही कि पिछले एक दशक में औद्योगिक क्षेत्र की मौजूदा कीमतों पर चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 15 फीसदी और सेवा क्षेत्र में 16 फीसदी की दर दर्ज की गयी है।

वर्ष 2014 में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की मेजबानी करने के बाद अब तक 2.5 लाख करोड़ रुपए का न केवल निवेश हुआ है, बल्कि इंदौर में 113 हेक्टेयर भूमि पर मल्टी प्रोडक्ट सेज़ स्थापित किया गया है, जिसमे 4187 करोड़ रुपए की लागत से 48 इकाइयां स्थापित है और यहां 5 हजार 700 लोगों को रोजगार मिला है। नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने 1000 करोड़ रुपए के कार्य किए हैं। और 40 लाख लोगों को अगले कुछ सालों में मध्यप्रदेश के कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है।

मध्यप्रदेश अब एक बिजली सरप्लस राज्य है। उद्योगों और अन्य उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती है। वर्तमान में 17 हजार 169 मेगावाट बिजली उपलब्ध है, जबकि यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2022 तक बिजली उत्पादन की वृद्धि क्षमता 22 हजार मेगावाट होगी। पिछले एक दशक में मध्यप्रदेश, देश और एशिया में एक मजबूत ब्रांड के रूप में स्थापित होने में सक्षम रहा है। और यही वजह रही है कि यहां इंफोसिस, गोदरेज, ल्यूपिन, आईटीसी, सुजलॉन एनर्जी, कोका कोला, जैसे ब्रांड स्थापित हैं।

प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 18 नए औद्योगिक क्षेत्रों की अधोसंरचना के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। यह कार्य 7 औद्योगिक केंद्र विकास निगम के तहत किया जा रहा है। इन औद्योगिक क्षेत्रों में पानी, बिजली, एप्रोच रोड समेत बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री एक आयोजक की भूमिका निभाते हुए देश और विदेश में बसे छोटे और और मध्य आकार के निवेशकों तक पहुंचने के लिए संभावना तलाश रहे हैं।

मध्यप्रदेश के इंदौर में 22-23 अक्टूबर को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के 3000 प्रतिभागी शामिल होंगे। इनमें 500 अंतरराष्ट्रीय, 1500 देश के अन्य राज्यों से और करीब 1000 प्रतिभागी मध्यप्रदेश के होंगे। समिट के लिए 9 फोकस सेक्टर रहेंगे। इन क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्योगपतियों को प्रदेश की औद्योगिक नीति और मध्यप्रदेश की खूबियों से वाकिफ करवाया जाएगा। समिट के लिए फोकस सेक्टर्स में एग्री बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स एंड हैंडलूम, फार्मास्युटिकल्स, ऑटोमोबाईल एंड इंजीनियरिंग, टूरिज्म, डिफेंस, रिन्यूवबेल एनर्जी, आई.टी. और ईएसडीएम और अर्बन डेवलपमेंट प्रमुख हैं। समिट में वैश्विक सहभागिता को ध्यान में रखते हुए विभिन्न देशों के राजदूतों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों को आमंत्रित किया गया है। जापान, दक्षिण कोरिया, यूएई और सिंगापुर ने पार्टनर कंट्री के रूप में समिट में भाग लेने के लिए सहमति दे दी है। सरकार को उम्मीद है कि इस बार का ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट पहले की तुलना में ज्यादा सफल साबित होगा। (संवाद)