इस सम्मेलन का थीम है, ’’ मेक इन मध्यप्रदेश’’ सम्मेलन मे एक निवेश की अच्छी नीतियों की घोषणा की जाएगी। यह घोषणा इस उम्मीद से की जाएगी कि इसके बाद निवेशकों को आकर्षित करना आसान हो जाएगा। अलग अलग विभागों द्वारा भारी संख्या में प्रेजेंटेशन दिए जाएंगे ताकि नई पीढ़ी की टेक्नालाॅजी और बड़े बड़े ढांचे को तैयार किया जा सके।
पिछले एक दशक में प्रदेश विकास की एक नई भूमिका को विकसित करने में सफल हुआ है और उसके अन्य देशों की पकड़ को कमजोर करने में सफलता भी पाई है। यह सब शिवराज सिंह चौहान की दूरदृष्टि और पैनी समझ को रेखांकित करता है।
मुख्यमंत्री ने अनेक प्रादेशिक, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह बताया है कि मध्यप्रदेश में किस तरह व्यापार करना और कारखाने लगाना आसान कर दिया गया है। उन मंचों पर वे बताते हैं कि उसके कारण प्रदेश को कितना फायदा हुआ है। वे यह कहना भी नहीं भूलते हैं कि मध्यप्रदेश के विकास से देश के अन्य हिस्सों को भी फायदा होगा और यह कोई एक प्रदेश तक सीमित होकर नहीं रह जाएगा।
चौहान भारतीय और विदेशी उद्यमियों तक पहुंचने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। वे उन्हें बताते हैं कि प्रदेश में उद्यम का माहौल किस तरह से बेहतर कर दिया गया है। इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए वे कई देशों का दौरा भी कर चुके हैं। वे अपने दौरे में पिछले 10 सालों के दौरान हुए विकास की चर्चा करना नहीं भूलते। वे बताते हैं कि इस दौरान प्रदेश की विकास दर 15 प्रतिशत सालाना रही और सेवा सेक्टर की विकास दर तो 16 फीसदी रही।
प्रदेश अब बड़े शहरों के अलावा अन्य स्थानों के बारे में भी बताना चाहता है, ताकि विकास के केन्द्र कुछ बड़े शहर ही नहीं रह जाएं। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि प्रदेश के सभी इलाकों का संतुलित विकास हो। इसके लिए वे सभी क्षेत्रों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दे रहे हैं।
प्रदेश में दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं, तीन घरेलू उड़ानों वाले हवाई अड्डे हैं और इनके अलावे छह अन्य छोटे हवाई अड्डे हैं। वे प्रदेश भर में फैले हुए हैं। प्रदेश में सड़कों की हालत भी अच्छी है। ब्राॅडबैंड का नेटवर्क भी अच्छा है। 425 रेलगाड़ियां रोजाना चलती हैं। प्रदेश के पास 25 हजार हेक्टर का लैंड बैंक भी है। अंतरराष्ट्रीय निवेशक सम्मेलन में इन तथ्यों को प्रमुखता के साथ रखा जाएगा।
इसके अलावा प्रदेश में कुशल श्रमिको की संख्या भी अच्छी खासी है। अगले 5 सालों में 40 लाख लोगों को मध्यप्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। स्टार्टअप्स के लिए 100 करोड़ रुपये का कोष तैयार किया गया है।
मध्यप्रदेश में अब बिजली की आपर्ति मांग से ज्यादा हो गई है। इस समय मध्यप्रदेश के पास 17,169 मेगावाट बिजली है, जो 2022 में बढ़कर 22 हजार मेगावाट हो जाएगी। प्रदेश में उद्योगों और अन्य उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिलती है। यहां भारी पैमाने पर प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। यहां बाजार भी हैं और दक्षता भी।
प्रदेश 18 नये औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण कर रहा है। इनके अलावा तीन आईटीपार्क विकसित किए जाएंगे। 13 पुराने क्षेत्रों को और भी विकसित किया जाएगा। मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान प्रदेश है और पिछले 10 सालांे में कृषि के क्षेत्र मे प्रदेश ने नये आयाम खड़े किए हैं। प्रदेश की विकास दर गुजरात की विकास दर से भी ज्यादा है।
सम्मेलन में दुनिया भर के 3 हजार प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। इनमें 500 तो दूसरे देशों से आएंगे और 1500 देश के अन्य प्रदेशों से आएंगे। मध्यप्रदेश से 1000 प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। (संवाद)
मध्यप्रदेश में ग्लोबल निवेशकों का पांचवा सम्मेलन
चौहान को बड़ी भागीदारी की उम्मीद
राजु कुमार - 2016-10-07 12:09
भोपालः इन्दौर में आगामी 22 और 23 अक्टूबर को ग्लोबल निवेश सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। यह अपने किस्म का पांचवा सम्मेलन है, जो मध्यप्रदेश में होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उम्मीद है कि इस सम्मेलन में निवेशक, उद्यमी, काॅर्पोरेट पार्टनर, और वेंचर पूंजीपति भारी संख्या में शिरकत करेंगे।