वह पिछले 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में भर्ती हुई थीं। पहले हेल्थ बुलेटिन में कहा गया कि वह फीवर और डिहाइड्रेशन की शिकार हैं। बाद में कहा गया कि उनकी हालत में सुधार हो रही है। लेकिन सुधार की रिपोर्ट के साथ साथ यह भी कहा गया कि उन्हें आॅक्सीजन कृत्रिम रूप से चढ़ाया जा रहा है।
जयललिता के समर्थन और अनुयाई हजारों की संख्या में पूजा पाठ करने में लगे हुए हैं। मंदिरों में जाकर वे उनके ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं। अस्पताल के बाहर भी भीड़ लगी रहती है। अम्मा के कुछ समर्थकों ने तो अपने को जलाने की कोशिश तक की।
डीएमके प्रमुख करुणानिधि मांग कर रहे हैं कि जयललिता की अस्पताल वाली ताजा तस्वीर जारी की जाय ताकि लोगों को मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी मिल सके। विपक्षी दल उन लोगों की सहायता भी कर रहे हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की सही जानकारी हासिल करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
अदालत ने भी अस्पताल से मुख्यमंत्री के बारे में लोगों को जानकारी देने को कहा लेकिन इससे संबंधित जनहित याचिका को खारिज कर दिया। इससे लोगों में असंतोष है। स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने का जिम्मा अदालत ने सरकार के ऊपर ही छोड़ दिया है।
सत्तारूढ़ आॅल इंडिया अन्ना डीएमके में दूसरे नंबर का कोई नेता नहीं है। जयललिता ने किसी को दूसरे नंबर का नेता बनने ही नहीं दिया। अस्पताल जाने के पहले भी उन्होंने किसी को अपनी अनुपस्थिति में मंत्रिमंडल की बैठक कराने का जिम्मा नहीं दिया है।
हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले व्यक्ति ने मांग की थी कि प्रदेश में एक व्यक्ति को तदर्थ मुख्यमंत्री बनाया जाय, लेकिन अदालत ने उस मांग को भी खारिज कर दिया।
जयललिता के अनुपस्थिति में सरकार चलाने का काम मुख्य रूप से उनकी ओएसडी कर रही हैं, जो एक रिटायर्ड आइएएस आॅफिसर हैं।
वैसे दो मौकों पर जयललिता वर्तमान वित्तमंत्री ओ पनेरसिल्वम को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना चुकी हैं। जयललिता को मुख्यमंत्री रहते हुए दो बार जेल जाना पड़ा था और दोनों बार उन्होंने अपनी अनुपस्थिति में पनेरसिल्वम को ही अपनी जगह मुख्यमंत्री बनाया था। जेल से बाहर आते ही वह दुबारा मुख्यमंत्री बन गई थीं।
कहने की जरूरत नहीं कि इस समय प्रदेश में सरकार के स्तर पर एक शून्य पैदा हो गया है। इस समय कावेरी मसले पर तमिलनाडु का कर्नाटक के साथ घमासान मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारते हुए कनार्टक ने अनेक बार तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़ने से इनकार कर दिया है। वैसी स्थिति में सरकार का नेतृत्वहीन होने निश्चय ही चिंता की बात है। (संवाद)
अस्पताल में जयललिता, तमिलनाडु में तनाव
एस सेतुरमन - 2016-10-08 12:18
चेन्नईः मुख्यमंत्री जयललिता पिछले दो सप्ताह से भी ज्यादा दिनों अस्पताल में भर्ती हैं। उनके स्वास्थ्य के बारे में लोगों को नियमित रूप से जानकारी भी नहीं दी जा रही है और जो जानकारी दी जाती है, वह भी स्पष्ट नहीं होती। जाहिर है, इसके कारण प्रदेश में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है।