पांचवें चरण में 52 सीटों पर मतदान होने हैं। इनमें से 85 फीसदी सीटों पर 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कब्जा कर लिया था। कुल 38 सीटों पर सपा की जीत हुई थी। पांच पर कांग्रेस की जीत हुई। चार भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी, जबकि तीन बसपा को मिली थी। शेष दो सीटों पर पीस पार्टी ने जीत हासिल की थी।
भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर राम मंदिर का राग अलापना शुरू किया है। इसके द्वारा वह अयोध्या और फैजाबाद की सीटों पर भी जीत की उम्मीद लगाए हुए है। बसपा ने अयोध्या से एक मुस्लिम उम्मीदवार को उम्मीदवार बनाया है। देखना है कि अयोध्या में उस मुस्लिम उम्मीदवार की जीत होती है या नहीं । पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी के पवन पांडेय ने यहां जीत हासिल की थी। वे अखिलेश मंत्रिमंडल में थे, लेकिन उन्हें निकाल दिया गया था। फिर बाद में उन्हें वापस भी ले लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कब्रिस्तान और श्मसान के मुद्दे को उठाकर और अमित शाह कसाब की चर्चा करके मतदाताओं के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के इन दोनों नेताओं की कोशिश कितना रंग लाती है या लोगों द्वारा अनसुनी कर दी जाती है।
अमेठी विधानसभा का चुनाव बहुत ही दिलचस्प हो गया है। यहां से समाजवादी पार्टी ने मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनपर भ्रष्टाचार के कुछ मामले पहले से ही चल रहे थे। अब तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ बलात्कार का मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है। इस मुकदमे के बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनका प्रचार करने आए थें
अमेठी चुनाव को कांग्रेस नेता संजय सिंह की दो पत्नियों ने और भी दिलचस्प बना दिया है। वहां से उनकी पहली पत्नी गरिमा सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट से लड़ रही है, तो दूसरी पत्नी अमिता सिंह कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर वहां से उम्मीदवार है। प्रदेश स्तर पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन कर रखा है, लेकिन अमेठी में दोनों पार्टियो के उम्मीदवार आमने सामने हैं।
सुल्तानपुर में भी इसी चरण में मतदान होने हैं। यहां के भाजपा सांसद वरुण गांधी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवारो के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है, जबकि दूसरी सूची में पार्टी ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में पेश किया है।
अंतिम दो चरणों में 89 सीटों पर मतदान होने वाले हैं। इन 89 सीटों में पिछली बार समाजवादी पार्टी को 50 सीटें मिली थीं। बहुजन समाजव पार्टी को 14, भारतीय जनता पार्टी को 11 और कांग्रेस को 5 सीटें मिली थीं।
अपनी ताकत को बचाए रखने की बड़ी चुनौती अखिलेश यादव के सामने है। भारतीय जनता पार्टी बहुत ही आक्रामक अभियान चला रही है और उस अभियान का नेतृत्व खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं। वे ज्यादा से ज्यादा सभाएं संबोधित कर रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने भी ज्यादा से ज्यादा सीटे हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रखी है।
मुलायम सिंह यादव पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से सांसद हैं, लेकिन वे चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं। बनारस के सांसद प्रधानमंत्री मोदी हैं और वे पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2014 वाली जीत को दुहराने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। मायावती ने तो अंसारी भाइयों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। (संवाद)
उत्तर प्रदेश के मतदान का निर्णायक दौर
समाजवादी पार्टी के गढ़ को जीतने की भाजपा की कोशिश
प्रदीप कपूर - 2017-02-25 11:41
लखनऊः अंतिम तीन चरण में 142 विधानसीटों के लिए मतदान होना अभी बाकी है और इन सीटों में ज्यादा से ज्यादा पर विजय हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी- कांग्रेस गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपनी सारी ताकत लगा रखी है।