यदि दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी बहुत आशान्वित है, तो उसका एक ठोस कारण भी है। दिल्ली में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों की तादाद बहुत ज्यादा है और यदि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उसकी भारी जीत हो सकती है, तो फिर वहां के दिल्ली में रह रहे लोग उसे क्यों जीत नहीं दिलवा सकते? यही सोच सोच कर भाजपा के नेता और कार्यकत्र्ता अपी दिल्ली विजय को बहुत आसान मान रहे हैं।
पर आम आदमी पार्टी की एक घोषणा ने अब भाजपा की नींद हराम करना शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यदि उसकी दिल्ली नगर निगम में जीत हो गई, तो वह दिल्ली के लोगों का हाउस टैक्स ही माफ कर देगी। यह एक बहुत बड़ी घोषणा है, क्योंकि दिल्ली के लगभग सभी मकान मालिकों को हाउस टैक्स देना होता है। उनमें कुछ ने तो कभी हाउस टैक्स दिया ही नहीं है और कुछ ने कुछ साल टैक्स देने का बाद टैक्स देना बंद कर रखा है।
जिन्होंने टैक्स नहीं दिया है, उन पर भी नगर निगम से टैक्स वसूली का खतरा या उसके नोटिस का खतरा बना रहता है। जिन लोगों ने कुछ समय देकर टैक्स देना बंद कर दिया है, वे तो और भी ज्यादा दहशत में रहते हैं, क्योंकि उनका रिकाॅर्ड नगर निगम के पास है और कभी भी उनको नोटिस जारी किया जा सकता है और तब उनको टैक्स की राशि चुकानी पड़ेगी और वैसा न कर पाने पर उनके घरों को नगर निगम द्वारा सील भी किया जा सकता है।
दिल्ली के अधिकांश मकान मालिक हाउस टैक्स देते हैं। और जो देते हैं, वे नगर निगम की सेवाओं को लेकर शिकायत करते देखे जा सकते हैं। उनकी शिकायत रहती है कि नगर निगम उनसे हाउस टैक्स तो ले लेता है, लेकिन बदले में मुहल्लों की सफाई करना और अन्य नागरिक सुविधाओं को उपलब्ध कराने का उसका जो जिम्मा है, वह पूरा नहीं कर पाता। वे नगर निगम की ओर से किसी खतरे से बचने के लिए ही हाउस टैक्स देते हैं, न कि यह टैक्स देते समय उनको कोई खुशी होती है।
जाहिर है आम आदमी पार्टी द्वारा हाउस टैक्स माफ करने की घोषणा इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनने की क्षमता रखता है। सभी आय श्रेणियों के लोग इस टैक्स से भरसक बचने की कोशिश करते हैं और टैक्स लाचारी में ही देते हैं और जो नहीं देते, वे हमेशा नगर निगम के खतरे के साये में अपना जीवन जी रहे होते हैं। यदि कोई यह खतरा हटा दे और टैक्स देने वालों को टैक्स देने से मुक्ति मिल जाए, तो ऐसा कोई क्यों नहीं चाहेगा। लिहाजा भारतीय जनता पार्टी के लिए आम आदमी पार्टी की इस घोषणा की काट खोजना मुश्किल हो सकता है।
बिल माफ करने या हाफ करने की अपनी घोषणाओं मे अबतक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खरे साबित हुए हैं। उन्होंने बिजली बिल को आधा करने की धोषणा चुनावों के पहले की थी और चुनाव जीतने के बाद उस घोषणा को लागू भी कर दिया। आज दिल्ली के वासी भारत में सबसे कम दर पर बिजली बिलों का भुगतान कर रहे हैं।
बिजली बिल को आधा करने से भी बड़ी घोषणा पानी के बिल को माफ कर देने की थी। केजरीवाल ने वायदा किया था कि 20 हजार लीटर प्रति महीने पानी का उपभोग करने वालों से पानी का बिल लिया ही नहीं जाएगा। उन्होंने अपनी इस घोषणा को भी अमली जामा पहना दिया। यही नहीं पुराने पानी बिलों को भी पूरी तरह माफ कर दिया। लाखों परिवारों का दिल्ली जल बोर्ड से पुरान पानी बिलों को लेकर विवाद चल रहा था। पुराने बिल माफ कर केजरीवाल ने उस सारे विवादों को समाप्त कर दिया।
सिर्फ बिल ही नहीं माफ हुए, बल्कि पानी की उपलब्धता भी बढ़ा दी गई। वाटर माफिया को समाप्त कर दिया गया। वाटर माफिया दिल्ली जल बोर्ड के आधा से ज्यादा जल की बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिली भगत कर पानी की ब्लैक मार्केटिंग कर रहा था और लोगों को महंगी कीमत पर पानी माफिया से पानी खरीदना पड़ता था और उसके साथ साथ जल बोर्ड के बिल भी अदा करने पड़ते थे, जबकि अनेक इलाकों में तो पानी की आपूर्ति नाम मात्र की होती थी।
बिजली और पानी के मसले पर दिल्ली के लोगों के सामने खरे उतरने के बाद केजरीवाल की हाउस टैक्स माफी की घोषणा को भी दिल्ली के लोग हल्के में नहीं ले सकते। इसलिए भारतीय जनता पार्टी के सामने एक बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है। अब आम आदमी पार्टी की इस घोषणा की काट के रूप में उसे खुद भी हाउस टैक्स माफ करने की घोषणा करनी पड़ेगी अन्यथा आम आदमी पार्टियों की चुनौती का सामना करना उसके लिए मुश्किल होगा।
वैसे भारतीय जनता पार्टी नकारात्मक रूप से उस चुनौती का सामना कर रही है और कह रही है कि दिल्ली नगर निगम या दिल्ली की प्रदेश सरकार को हाउस टैक्स माफ करने का अधिकार ही नहीं है और यह अधिकार केन्द्र सरकार या उसके नुमायंदा दिल्ली के उपराज्यपाल के पास है। इस तरह का प्रचार कितना काम करेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इतना तो यह है कि अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त भारतीय जनता पार्टी के चेहरे पर आम आदमी पार्टी की इस घोषणा से चिंता की शिकन पड़ गई है। (संवाद)
दिल्ली नगर निगम चुनाव
आम आदमी पार्टी ने फेंका हाउस टैक्स माफ करने का पासा
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-03-30 12:06
दिल्ली में नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में मतदान होंगे और उसके नतीजे भी सामने आ जाएंगे। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनावों में मिली बड़ी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी को लग रहा है कि वह दिल्ली का नगम निगम चुनाव जीत ही जाएगी। यहां उसका मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी से होने वाला है, जो पंजाब और गोवा में हारने के बाद हौसलापस्ती के माहौल से गुजर रही है। कांग्रेस तीसरे नंबर की ताकत है। इस चुनाव में उसकी स्थिति कितनी पतली होने वाली है, इसका पता चुनाव अभियान के दौरान ही चल जाएगा।