उनकी सक्रियता के कारण पुलिस रक्षात्मक रवैया अपनाने को मजबूर हो रही है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगीनाथ ने पिछले दिनों उस तरह के हुड़दंग में शामिल भाजपा नेताओं को लखनऊ बुलाया और उनसे बातचीत की।
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के गृहसचिव और पुलिस महानिदेशक को भी बुलाया और उनसे कहा कि उस तरह की हिंसा के लिए शून्य सहिष्णुता की नीति पर पुलिस अमल करे। उन्होंने कहा कि यदि हिंसा में शामिल लोग भाजपा के भी हों, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
गौरतलब हो कि प्रशासन से अनुमति लिए बिना भाजपा सांसद लखनपाल ने सहारनपुर के एक गांव में अंबेडकर की शोभा यात्रा निकाली थी, जिसके कारण न केवल सांप्रदायिक तनाव हुए, बल्कि पुलिस अधिकारियों के घरों पर भी भगवा ब्रिगेड ने हमले किए।
वह शोभा यात्रा गांव के मुस्लिम टोले की गलियों से गुजर रही थी। मुसलमानों मंे यात्रा पर पत्थर फेंके थे। भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने जवाब में अनेक दुकानों में आग लगा दी। उन्होंने मंडलायुक्त के घर में भी आग लगा दी। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लव कुमार के घर पर भी हमले किए।
जब मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अपनाया तो भाजपा नेताओ के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए और आठ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। सबसे शर्मिंदगी की बात तो यह है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की पत्नी ने कहा कि जिंदगी में उन्होंने वैसा आतंक नहीं देखा, जैसा उस रोज देखने को मिला।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी के लोगों ने बताया कि एसएसपी के परिवार के सदस्यों ने गौशाला में घुसकर अपनी जान बचाई। अखिलेश यादव ने बताया कि हिंसक भाजपाइयों ने सीसीटीवी कैमरा और हिंसा के फुटेज को बर्बाद कर दिया। हिंसा को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्सा गया। उन्होंने कहा कि भगवा कपड़ा पहनना पुलिस पर हमले का लाइसेंस समझा जाता है।
आगरा में भी एक शर्मनाक घटना घटी। वहां महिला माॅडलांे को अपने भगवा रंग के दुपट्टे को उतारने के लिए कहा गया। कहा कि उस रंग का दुपट्टा पहनकर वे ताजमहल के पास नहीं जा सकतीं।
बाद में केन्द्र और प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया कि भगवा रंग के कपड़े या दुपट्टे पहनकर ताजमहल के पास जाने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है।
पिछले 22 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकत्र्ताओं ने फतेहपुर सिकरी के एक सर्किल आॅफसर के साथ धक्कामुक्की की। उसी रोज शाम में प्रदर्शनकारियों ने सदर बाजार पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया।
उन्होंने पुसिस सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार की मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया। इलाके में दो संप्रदायो के बीच विवाद छिड़ गया था। उसी के परिणामस्वरूप इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था।
पुलिस के खिलाफ अन्य अनेक घटनाएं उत्तर प्रदेश में घट रही हैं और उन घटनाओं में भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी के लोग लिप्त पाए जाते हैं।
दूसरी तरफ हिन्दू युवा वाहिनी के नेता इस बात का खंडन करते हैं कि उनके किसी कार्यकर्ता का उन घटनाओं में हाथ है। गौरतलब हो कि हिन्दु युवा वाहिनी का गठन योगी आदित्यनाथ ने 2002 में किया था। उसकी शाखाएं प्रदेश भर में फैली हुई हैं। (संवाद)
भगवा लंपटवाद से योगी को शर्मिंदगी
हिन्दुत्ववादी उत्तर प्रदेश में नियंत्रण से बाहर
प्रदीप कपूर - 2017-04-29 09:29
लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून व्यवस्था की भारी समस्या का सामना कर रही है। यह समस्या सबसे ज्यादा भगवा संगठन खड़ी कर रहे हैं। पिछले एक महीने से वे समस्या खड़ी करने में विशेष रूप से सक्रिय हैं।