नई शराब नीति पिछली सरकार द्वारा स्वीकार की गई नीति के ठीक विपरीत है। पिछली सरकार की कठोर नीति के कारण सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा था और उसके कारण शराब उद्योग को भी झटका लग रहा था।

नई नीति आगामी 1 जुलाई से लागू होगी और उसके तहत तीन और चार सितारा होटलों में भी अब शराब परोसी जा सकेगी। इस समय की नीति के अनुसार सिर्फ पांच सितारा होटलों में ही शराब परोसी जाती है। इस समय प्रदेश में 71 चार सितारा और 82 तीन सितारा होटल हैं। नई नीति का लाभ अब उनको मिल सकेगा।

इस नीति की एक खासियत यह है कि अब शराब खरीदने की न्यूनतम आयु 21 साल से बढ़कार 23 साल कर दी गई है। यानी अब 23 साल से कम उम्र के व्यक्ति को शराब नहीं बेची जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत राष्ट्रीय राजपथ से 500 मीटर के दायरे के अंदर आने वाली शराब की सभी दुकानें बंद की दी गई है। नई शराब नीति के तहत उन्हें अन्य इलाकों में अपनी दुकानें ने जाने की इजाजत मिल गई है।

वर्तमरल सरकार ने पिछली सरकार की उस नीति को भी समाप्त कर दिया है, जिसके तहत प्रत्येक साल बेवरेज काॅर्पोरेशन की 10 फीसदी दुकानों को प्रत्येक साल बंद किया जाना था।

इसके अलावा अब सितारा होटलों को उच्च गुणवत्ता की ताड़ी बेचने की अनुमति भी मिल गई है। बार अब 11 बजे सुबह से 11 बजे रात तक खुले रहेंगे और पर्यटन स्थलों पर तो ये 10 बजे सुबह से 11 बजे रात तक खुले रहेंगे।

विपक्षी यूडीएफ और भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार की नई शराब नीति का जमकर विरोध किया है। विपक्षी यूडीएफ ने तो इस नीति के खिलाफ एक जुलाई से आंदोलन करने का एलान भी कर दिया है।

दूसरे शब्दों में कहें, तो अब प्रदेश का राजनैतिक तापमान बहुत बढ़ गया है। विपक्ष इसे एक बड़ा मसला बनाने को तैयार बैठा है। अन्य शराब विरोधी संगठन भी मुखर हो गए हैं। ये संगठन विपक्षी राजनैतिक पार्टियों के साथ आंदोलन मे हाथ भी मिला सकते हैं।

इस शराब नीति का महिलाएं भी विरोध कर रही हैं। सच कहा जाय, तो सबसे ज्यादा विरोध महिलाओं की ओर से हो रहा है। सत्तारूढ़ पार्टियों की महिला शाखाएं भी इसके विरोध में कूद गई हैं। जब सत्तारूढ़ दलों में ही इसका विरोध हो और विपक्षी पार्टियों मे इस मसले पर एकता हो, तो फिर यह अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है कि इससे सत्तारूढ़ पार्टियों को जबर्दस्त चुनावी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

इस शराब नीति के लिए एक अच्छी बात यह है कि शक्तिशाली इड़वा समुदाय के लोगों का इसे जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। श्री नारायणा धर्म परिपालना योगम के महासचिव वेल्लापल्ली नतेशन ने इसके एक क्रांतिकारी कदम बताया है और कहा है कि शराबबंदी कहीं भी सफल नहीं हुई है। (संवाद)