किसी सुभाष कोली ने इन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन सबकों अचंभित करते हुए सुभाष कोली ने बताया कि उसने किसी के भी खिलाफ इस तरह का मुकदमा दर्ज नहीं कराया था। कोली ने आरोप लगाया कि उन सबकों झूठे मुकदमे में फंसाया गया है।

कोली ने बताया कि किसी ने भी नारे नहीं लगाए थे और किसी ने भी मिठाई नहीं बांटी थी। सभी अभियुक्त निर्दोष हैं और पुलिस ने उनके खिलाफ गलत मुकदमा दायर किया है। उसने अदालत को दिए गए एक हलफनामे में बताया कि वह अपने पिता के साथ 18 जूल की शाम अपने पड़ोसी अनीस को थाने से छुड़ाने गया था, जिसे पुलिस ने पकड़ रखा था।

कोली ने अदालत को बताया कि सच तो यह है कि कुछ अपराधी किस्म के लोग पटाखे छोड़कर वातावरण खराब कर रहे थे। अदालत में दिए गए अपने हलफनामे में कोली ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ आरोप लगाया गया है, वे सब उसके पड़ोसी हैं। कोली ने बताया कि नारे लगाने वाले लोगों की संख्या 4 या 5 थी और वे लोग इन अभिुक्तों में से कोई भी नहीं थे।

कोली ने बताया कि थाने में उसे और उसके पिता को पीटा गया और हिरासत में डाल दिया गया। उसके बाद उनसे सादे कागज पर दस्तखत करा लिया गया। उसने यह समझकर उस सादे कागज पर दस्तखत कर दिया कि उसके दोस्त को छुड़ाने के लिए उससे दस्तखत कराया जा रहा है।

कोली ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर संजय पाठक ने उसे पीटा था और उसने कहा कि हिन्दू होते हुए वह किसी मुसलमान को बचाने क्यों आया है।

पुलिस ने पहले देशद्रोह का मुकदमा उन लोगों के खिलाफ दर्ज किया था, लेकिन बाद में उस आरोप को यह कहते हुए वापस ले लिया कि उसके पास उसका कोई सबूत नहीं है। बुरहानपुर के पुलिस अधीक्षक परिहार ने बताया कि संभव है कोली अपने गांव वालों के दबाव में अपना बयान बदल रहा है। उन्होंने कहा कि गवाह को प्रभावित करने का आरोप वे जोड़ सकते हैं।

कोली चाहे जो कहे, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का कहना है कि पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाना राष्ट्रविरोधी कदम है। इंडिया एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत में आंतकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, इसलिए उसके पक्ष में नारा लगाना देश विरोधी काम है।
मुसलमानों के अलावा ईसाइयों को भी मध्यप्रदेश में प्रताड़ित किया जा रहा है। कुछ दिन पहले सतना रेलवे स्टेशन से झारखंड की चार लड़कियों और एक महिला मिशनरी के साथ रेलगाड़ी से उतार दिया गया। कहा गया कि वह महिला मशीनरी उन लड़कियों का धर्म बदलने के लिए ला रही थीं।

कुछ अन्य इलाके से भी ईसाइयों को प्रताड़ित करने की घटनाओं की खबरें आ रही हैं। ईसाई संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन को एक सूची दी, जिसमें ईसाइयों के खिलाफ की जा रही ज्यादतियों का ब्यौरा था। प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि ईसाइयों के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।(संवाद)