उदाहरण के लिए वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव ने उन हत्याओं के लिए नशा, गरीबी और बीमारियों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने दावा किया कि आत्महत्या के 120 मामलों मे सिर्फ 6 का ही संबंध कर्जबोझ से था। उन्होंने कांग्रेस पर दोष लगाते हुए कहा कि वह किसानों को गुमराह कर रही है।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड और बघेलखं डमें किसानों की हालत सबसे ज्यादा खराब है, तो फिर आपेक्षिक रूप से समृद्ध इलाकों में ही किसानों के आंदोलन हिंसक क्यों हो गए?
आंकड़ा देते हुए सत्तापक्ष के विधायकों ने बताया कि प्रदेश में किसान कितने ज्यादा समृद्ध हैं और उन्होंने यह भी बताया कि शिवराजसिंह चैहान के कार्यकाल में किसानों को कितना समृद्ध बनाया गया। उन्होंने मध्यप्रदेश को किसानों का स्वर्ग भी बताया।
श्री भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन के मामले मे देश का नेतृत्व कर रहा है, फिर यहां के किसान भी समृद्ध होने चाहिए।
भाजपा के विधायक कैलाश चावला ने कहा कि किसान आंदोलन कांग्रेस की एक सोची समझी साजिश है और हिंसा फैलाने का कांग्रेस का अपना इतिहास रहा है। श्री चावला मंदसौर से ही भाजपा के विधायक हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि आंदोलन की साजिश कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय में ही रची गई थी और उस साजिश के क्लाइमेक्स को देखने के लिए राहुल गांधी मंदसौर आए थे।
कांग्रेसी सदस्यों ने मंदसौर के भाजपा विधायक के उस आरोप का खंडन किया और जिस तरह से उस आंदोलन के साथ प्रदेश की सरकार पेश आई, उसकी निंदा भी की। कांग्रेस विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाते हुए कहा कि उनके द्वारा किया गया आमरण उपवास एक मजाक था, जिसमें पीड़ित लोगों को भोपाल बुलाया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बेशर्मी से कुर्सी से चिपके हुए हैं और जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को बेवजह जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जबकि जिम्मेदार खुद मुख्यमंत्री शिवराज चैहान हैं।
विपक्ष ने सवाल पूछा कि आखिर सरकार यह तय करने में विफल क्यांे रही कि पुलिस को गोली चलाने का आदेश किसने दिया। गृहमंत्री ने जवाब दिया कि इसे पता लगाने के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया है, तो विपक्ष ने पूछा कि शिवराज सिंह चैहान सरकार द्वारा गठित 12 न्यायिक आयोगों का क्या हुआ, जिनकी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक भी नहीं की गई है।
सत्तापक्ष के विधायकों के भाषणों में किसानों के मुद्दों की चर्चा ही नहीं हो रही थी। उनके बारे में कहीं कहीं कुछ कह दिया जा रहा था। विपक्ष के कुछ विधायकों ने पूछा कि किसानों के कर्ज को माफ क्यों नहीं किया गया, जबकि महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने वैसा कर दिया है।
बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि किसानों के आंदोलन शांतिपूर्ण थे, जिसे कांग्रेस ने हिंसक बना दिया। उसने किसानों को भड़काया। उन्होंने सदन को आश्वस्त करना चाहा कि किसानों पर गोलीबारी के लिए जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, सरकार उसे नहीं बख्सेगी नहीं। (संवाद)
मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्याएं
भारतीय जनता पार्टी कर रही है कुतर्क
एल एस हरदेनिया - 2017-07-21 12:17
भोपालः मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष ने किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के मसले पर काम रोको प्रस्ताव पेश किया। उसके जवाब में भाजपा के विधायकों ने जो तर्क दिए वह बहुत ही अटपटे थे।