राज्य शिक्षा केन्द्र इस कार्यक्रम को आयोजित कर रहा है और यह प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के लिए है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद भी एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का काम किया। वहां जाकर उन्होंने बच्चों को बताया कि उन्हें बढ़ने की आदत को मजबूत करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री के अलावा अन्य मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के तहत दो लाख 15 हजार वैसे लोगों ने स्कूल में छात्रों को पढ़ाने का काम किया। प्रदेश के प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में वे बच्चों को पढ़ाने पहुंचे थे।

कुछ मंत्रियों द्वारा लिए गए क्लास बहुत ही निराशाजनक साबित हुए, क्योंकि उनके पास पढ़ाने की जानकारी का अभाव था। वे बच्चों को सही तरह से पढ़ा ही नहीं सके।

बाद में एक राज्यस्तरीय कार्यक्रम हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने दूरदर्शन और आकाशवाणी से छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने गणित और विज्ञान में बेहतर करने वाले छात्रों को सम्मानित भी किया। कथावाचन मे राज्य स्तरीय विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।

मुख्यमंत्री ने प्रणाम पाठशाला नाम के एक ऐप की भी शुरुआत की। यह एक विद्यालय उपहार योजना से संबंधित है। इसके साथ साथ इसके साथ खेल प्रोजेक्ट भी है। कुछ चुनिंदा स्कूलो के छात्रों ने अपने स्कूल का नाम रौशन करने की शपथ ली। राज्य शिक्षा केन्द्र ने ‘गुल्लक’ नाम की एक पत्रिका का प्रकाशन शुरु किया है। उसका भी विमोचन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किताबी ज्ञान महत्वपूर्ण है, लेकिन कुछ छोटी छोटी आदतें डालना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है और उससे आदमी महान बन जाता है। उन्होंने शारीरिक व्यायाम करने के फायदे भी गिनाए और बच्चों को बताया कि वे दोस्तों के साथ भी कुछ समय बिताएं।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 12वीं में जो छात्र 75 फीसदी से ज्यादा अंक लाएंगे, उनका शिक्षा शुल्क स्नातक की पढ़ाई तक राज्य सरकार ही अदा करेगी।

मुख्यमंत्री इस योजना की सफलता से बहुत प्रभावित हुए हैं। इसमें न केवल छात्रों ने बल्कि स्वयंसेवको ने भी काफी उत्साह से हिस्सा लिया। इससे प्रभावित होकर मुख्यमंत्री ने समन्वय भवन में मध्यविद्यालयों के छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे बेहतर शिक्षा सुनिश्चित करेंगे और सुविधाओं को भी बढ़ाएंगे। उन्होंने वायदा किा कि 12वीं बोर्ड की परीक्षा में 85 फीसदी से ज्यादा अंक पाने वाले छात्रों को छात्रवृत्तियां दी जाएंगी।

प्रणाम पाठशाला नाम के पोर्टल को कोई भी खोल सकता है और उसमें लाॅग इन दान दे सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर शिक्षा सिर्फ सरकार का नहीं, बल्कि समाज का भी दायित्व है और समाज के लोगों को इसमें योगदान करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अपने बचपन के स्कूल को 1200 किताबें दान में दीं। इस तरह से मिल बांचे योजना के तहत दान करने वाले वे पहले व्यक्ति बने।

दूसरी तरह विपक्ष के नेता अजय सिंह ने सरकार की इस योजना को अपनी विफलता छिपाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों मे हजारों शिक्षकों की कमी है और अनेक स्कूलों के ऊपर तो छत तक नहीं है। (संवाद)