राहुल गांधी ने यह कहने को अमेरिका की भूमि को चुना कि वे आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव मे नरेन्द्र मोदी का सामना करने के लिए तैयार हैं। लेकिन उनके पास अब भारत में मात्र 18 महीने बचे हुए हैं और इस बीच उन्हें अपनी पार्टी को उस चुनौती के लिए तैयार करना होगा। इस वक्त तो उनकी पार्टी की हालत बेहद खराब है और 2014 के बाद उसका लगातार पतन होता जा रहा है।
राहुल के लिए यह समय बहुत ही अच्छा है। इसका कारण यह है कि अर्थ व्यवस्था की स्थिति खराब होने के साथ ही सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की हालत खराब हो रही है। आर्थिक विकास दर कम हो रही है। महंगाई बढ़ती जा रही है। रोजगार का सृजन नहीं हो पा रहा है और जिन्हें पहले से रोजगार मिला हुआ था, उनमें से भी कई लोग बेरोजगार होते जा रहे हैं। साढ़े तीन साल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आर्थिक स्थिति को लेकर रक्षात्मक मुद्रा में आ गए हैं।
अभी भी कांग्रेस में वैसे लोगों की कमी नहीं है, जो सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहना देखना चाहते हैं। लेकिन राहुल को जल्द से जल्द अध्यक्ष पद पर देखने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। उनमें से एक नेता ने कहा कि पार्टी के अंदर अभी जो सत्ता के दो केन्द्र बने हुए हैं, वे समाप्त होकर एक हो जाएंगे और राहुल गांधी सामने से आकर पार्टी का नेतृत्व कर सकेंगे।
सोनिया गांधी पिछले 19 साल से लगातार पार्टी की अध्यक्ष बनी हुई हैं। यह एक रिकार्ड है। अभी तक कोई भी इतने दिनों तक अध्यक्ष पद पर नहीं रहा था। राहुल गांधी सक्रिय राजनीति में 2004 से हैं। उन्हें 2013 में पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। उस दिन से ही राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की अटकलबाजी होती रही है। सोनिया गांधी का स्वास्थ्य खराब चल रहा है। इसके कारण पार्टी के सामने नेतृत्व संकट खड़ा हो गया है। इसीलिए पार्टी के अंदर से लगातार यह मांग उठती रही है कि राहुल अध्यक्ष का पद संभाल लें।
राहुल के अध्यक्ष बनने के मायने क्या हैं?वह नेहरू परिवार की पांचवीं पीढ़ी के अध्यक्ष होंगे। मोतीलाल नेहरू इस पद पर रह चुके हैं। उसके बाद जवाहरलाल नेहरू भी इस पद की शोभा बढ़ा चुके हैं। जवाहरलाल नेहरू के बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी इस पद पर रहे। अब राहुल गांधी भारत की इस सबसे पुरानी पार्टी के सर्वोच्च पद पर बैठने जा रहे हैं।
सवाल उठता है कि इस पद पर आकर वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकल्प के रूप में अपने आपको कैसे पेश कर पाएंगे? यह कोई आसान काम नहीं है और इसके लिए उन्हें चैबीसों घंटों राजनीति मंे अपना समय बिताना होगा। उनका सबसे पहला टेस्ट हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होगा, जहां जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। हिमाचल प्रदेश में इस समय कांग्रेस की सरकार है, जबकि गुजरात में पिछले 20 साल से भाजपा की सरकार हे।
अगले साल तो देशभर के 8 राज्यांे में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उसके बाद 2019 में लोकसभा का चुनाव होगा। सभी चुनाव चुनौतियों भरे होंगे और संगठन को दुरुस्त करना भी राहुल के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी। (संवाद)
राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए अच्छा समय
मोदी विरोधी भावना देश में पनप रही है
कल्याणी शंकर - 2017-10-12 13:47
अब राहुल गांधी 132 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए अपने आपको तैयार कर रहे हैं। बहुत संभव है अगले महीने वे इस पद पर आसनी हो जाएं। इसे लेकर पार्टी के अंदर राहत की सांस ली जा रही है कि बहुत दिनों से चला आ रहा सस्पेंस अब समाप्त हो जाएगा।