भारतीय जनता पार्टी की यह लगातार दूसरी चुनावी हार है। इसी साल अप्रैल महीने में भी विधानसभा का एक उपचुनाव हुआ था। अतेर विधानसभा में हुए उस चुनाव में भी भाजपा की हार हो गई थी। हालांकि यह भी सच है कि इन दोनों क्षेत्रों मे 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार ही जीते थे।
चित्रकूट विधानसभा का उपचुनाव कांग्रेसी विधायक प्रेम सिंह की मौत के कारण हो रही थी। वहां कांग्रेस ने नीलांशु चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को 14,133 मतों से पराजित किया। 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार ने भाजपा उम्मीदवार को 10,970 मतों से पराजित किया था।
त्रित्रकूट विधानसभा उपचुनाव का नतीजा शिवराज सिंह चैहान के लिए इसलिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्होंने इसे अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना लिया था। इस उपचुनाव को जीतने के लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी थी। खुद तीन दिनों तक वे इस क्षेत्र में रहे और 60 से भी ज्यादा चुनावी सभाओं को संबांधित किया। आधा दर्जन अन्य मंत्रियों को भी उन्होंने चुनाव प्रचार और प्रबंधन के काम में लगा रखा था। पड़ोसी उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी अनेक चुनावी सभाओं को संबोधित किया था।
लेकिन सारी की सारी कोशिशें बेकार गईं। भाजपा को उस गांव में भी कम वोट मिले, जिस गांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने रात गुजारी थी। भाजपा उम्मीदवार की हार अपने गांव में भी हुई और अपने ससुर के गांव में भी उसे कांग्रेस उम्मीदवार से कम मत मिले थे।
जिस किसान आंदोलन में 5 लोगों की मौत हुई थी, उसे आंदोलन के बाद चित्रकूट में पहली बार चुनाव हो रहा था। इसलिए इस चुनाव में यह देखा जाना था कि आंदोलन का असर किसानों पर अभी भी है या नहीं। इससे पता चलता है कि किसान आंदोलन से जो भाजपा को नुकसान हुआ था, वह अतीत की बात नहीं बन सका है।
कहा जाता है कि राम ने लक्ष्मण और सीता के साथ चित्रकूट के जंगलों में ही वनवास के अपने 14 साल के 12 साल बिताए थे। कांग्रेस को अब लग रहा है कि चित्रकूट की जीत के साथ ही उसका 14 साल का सत्ता से बनवास समाप्त होने वाले है।
चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं ने राम का नाम लेते हुए जीत के नारे लगाए। ‘जय श्री राम’ भारतीय जनता पार्टी का नारा रहा है, लेकिन चित्रकूट उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने इस नारे का इस्तेमाल करते हुए भाजपा का मजाक उड़ाया। वे नारा लगा रहे थे, ‘ भाजपा का लग गया काम, जय श्री राम जय श्री राम’।
चुनावी नतीजों ने भाजपा नेता अजय सिंह के कद को बढ़ा दिया है। वे इस समय विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। चित्रकूट चुनाव में वे ही प्रमुख चुनावी रणनीतिकार थे और सबसे बड़े चुनाव प्रचारक भी वही थे। इस जीत के कारण उन्हें आगामी आम चुनाव में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का चेहरा बनना आसान हो जाएगा। (संवाद)
चित्रकूट में भाजपा की हार
कांग्रेस ने जीत का श्रेय राम को दिया
एल एस हरदेनिया - 2017-11-16 12:19
भोपालः चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की हार पूरे प्रदेश के राजनैतिक मूड में हो रहे बदलाव का दर्पण हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। लेकिन इसमें कोई दो मत नहीं कि यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के लिए एक बड़ी चेतावनी है, क्योंकि उन्हें और उनकी पार्टी को अगले एक साल में विधानसभा चुनाव का सामना करना करना है।