मुख्यमंत्री ने चेतावनी उसी समय जारी कर दी थी, जब वे ब्याज मुक्त उस वित्तीय उपक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। उनकी चेतावनी के पहले यह अटकलबाजी चल रही थी कि इस्लामिक बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों और विनियमों के खिलाफ है।

मुख्यमंत्री पी विजयन ने अपने भाषण में कहा कि भारत में बैंकों और काॅपरेटिव सोसायटी के लिए कुछ नियम कायदे बने हुए हैं और उन नियम कायदों को ताक पर नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि दुनिया के कुछ देशों में ब्याज मुक्त बैंकों की व्यवस्था है, लेकिन हमारे देश में यह संभव नहीं है कि कोई बैंक ब्याज घटाने का एकतरफा फैसला कर ले।

हलाल फैदा काॅपरेटिव सोसायटी कोई क्रेडिट सोसायटी नहीं है। यानी यह लोन देने वाला सोसायटी नहीं है, लेकिन इसने उत्पादन के क्षेत्र मे कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण पेश किए हैं। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि सोसायटी अपनी रक्षा करने में सक्षम है और इसे उसने साबित भी किया है, लेकिन अपने आपको और बड़ी दुनिया में लाकर उसने अपनी चुनौतियां बढ़ा डाली हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उसे सभी नियम कायदों का पालन करना चाहिए, ताकि वह सरकारी विभागों की ओर से किसी हस्तक्षेपकारी कदम से अपने को बचाने में सफल हो सके।

मुख्यमंत्री द्वारा जारी की गई चेतावनी बिल्कुल सही है। कुछ समय पहले का एक वाकया है। किसानों को ब्याज मुक्त लोन देने का निर्णय किया गया था। उसका नेशनल बैंक फाॅर अग्रीकल्चर एंड रुरल डेवलेपमेंड( नाबार्ड) ने जबर्दस्त विरोध किया था। मुख्यमंत्री विजयन ने अपने उद्घाटन भाषण में इस तथ्य का उल्लेख किया।

इसे याद दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने सोसायटी के प्रबंधकों को चेतावनी जारी करते हुए सतर्क रहने को कहा।

अब एक अफवाह यह भी फैल रही है कि यह नया सोसायटी सिर्फ एक खास मजहब के लिए ही है और उससे बाहर के मजहबों के लोगों के लिए यह उपलब्ध नहीं है। यह महज अफवाह ही है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। सच्चाई तो यह है कि कोई भी व्यक्ति तो ब्याज मुक्त निवेश करना चाहता है, इसमें निवेश कर सकता है।

इस सोसायटी के प्रोमोटर लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह कोई बैंक नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा सोसायटी है, जिसमें निवेशक अपना पैसा जमा कर सकते हैं और उस पैसे का सोसायटी द्वारा उत्पादन व अन्य आर्थिक कार्यो मे निवेश किया जाएगा। उस निवेश से सोसायटी को जो मुनाफा होगा, उसमें मूल निवेशक हिस्सेदारी कर पाएंगे।

फिलहाल सोसायटी के पैसे को मांस के उत्पादन और प्रसंस्करण मे लगाया जाएगा। (संवाद)