अनुच्छेद 23 9एए के तहत एक दिल्ली की अनोखी स्थिति है-इसकी एक निर्वाचित सरकार है, लेकिन अन्य राज्य सरकारों जैसी शक्तियां उसके पास नहीं है। इससे कारण दिल्ली की सरकार केंद्र सरकार के सहयोग पर ज्यादा निर्भर करती है। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर आम आदमी पार्टी की सरकार आरोप लगा रही है कि वह उसे काम करने नहीं देती है।
आरोप और प्रत्यारोप के बीच मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर पर शर्मनाक घटना घटने का आरोप लग रहा है।सवाल उठता है कि मुख्य सचिव, अंशु प्रकाश को उनके आवास पर आधी रात को क्यों बुलाना चाहिए? रात में देर रात तक जागने के लिए कोई बड़ा कारण नहीं था। आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसके विधायक ‘राशन के गैर-वितरण‘ न होने पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन वहां मौजूद नहीं थे। मुख्य सचिव के अनुसार, बैठक तीन साल में अपनी उपलब्धियों पर सरकार के प्रचार कार्यक्रम पर चर्चा के लिए आयोजित की गयी थी। यह भी इतना महत्वपूर्ण नहीं था कि इसके लिए मुख्य सचिव को आधी रात में बुलाया मुख्यमंत्री आवास बुलाया जाए।
मुख्य सचिव एक साधारण नौकरशाह नहीं है वह राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में नागरिक प्रशासन का प्रमुख है। वह एक ऐसा अधिकारी है, जो न केवल अपनी सेवा का प्रतिनिधित्व करता है बल्कि नागरिक प्रशासन के भीतर सभी सेवाओं का भी प्रतिनिधित्व करता है। अधिकारियों के बीच तर्कों और मतभेदों को सुलझाने में उसका शब्द अंतिम है। एक कुशल प्रशासन चलाने और मुख्यमंत्री को निष्पक्ष और निष्पक्ष सलाह देने का उसका कर्तव्य है।
दिल्ली में तो मुख्य सचिव की और भी अधिक चुनौतीपूर्ण भूमिका है। उसे मुख्यमंत्री और लेफ्टिनेंट गवर्नर को एक साथ रिपोर्ट करना पड़ता है और दोनों के दृष्टिकोण और चिंताओं के बीच तलवार की धार पर चलना पड़ता है। यह आसान काम नहीं है। लेकिन सीएस में निहित विशाल अधिकारों के कारण यह असंभव भी नहीं है। पर इसके लिए जरूरी है कि मुख्य सचिव एलजी और मुख्यमंत्री दोनों का सम्मान करते हों। और यदि ऐसा नहीं हुआ तो पूरा प्रशासन ही इससे प्रभावित हो सकता है। प्रशासन पंगु भी हो सकता है।
केजरीवाल के घर में जो हुआ था वह एक प्रशासनिक ब्रेकडाउन था और दिल्ली के लोगों की खातिर इससे उत्पन्न हालातों का सामान्य होना जरूरी है।
दिल्ली के प्रशासन पर आम आदमी पार्टी और केंद्र संघर्ष कर रहे हैं और यहां तक कि यह मुद्दा अदालत में भी है। इससे पता चलता है कि इस देश में केंद्र-राज्य संबंधों में कितनी गिरावट आई है। यह सब दिल्ली के प्रशासन को चैपट कर रहा है। (संवाद)
केंद्र और राज्य सरकारों के बीच उलझी दिल्ली
मुख्य सचिव और आम आदमी पार्टी के बीच विवाद दुर्भाग्यपूर्ण
हरिहर स्वरूप - 2018-02-27 11:15 UTC
संविधान के तहत दिल्ली की राजधानी के रूप में दिल्ली का प्रशासनिक स्वरूप केंद्र और राज्य सरकार के बीच लगातार तनाव पैदा करता रहा है। अगर सत्ता के दो केंद्रों पर एक ही पार्टी काबिज हों, तो कम झगड़ा होता है। इस समय दो अलग-अलग राजनीतिक दलों की केंद्र और दिल्ली प्रदेश में सरकार है, इसलिए इस समय तनाव बहुत ज्यादा है। केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार और प्रदेश में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार के बीच लगातार परेशानी रही है। यह केजरीवाल के निवास पर आधी रात के नाटक को सही ठहराया नहीं जा सकता है, जिसमें मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मुख्य सचिव को कथित रूप से पीटा गया। यह शायद इस प्रकार का पहला उदाहरण है और इसकी निंदा करते हुए इससे मजबूती से निपटा जाना चाहिए।