असंगठित श्रमिक एक ऐसा ही वर्ग है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके लिए एक महत्वाकांक्षी पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के अनुसार, असंगठित श्रमिकों को अपने बच्चों के लिए घर, विस्तृत चिकित्सा और शैक्षणिक सुविधाएं मिलेंगी।
पैकेज की घोषणा करते हुए चौहान ने कहा कि मजदूरों की सेवा भगवान की सेवा के समान है। मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी। चौहान ने कहा कि मजदूरों ने राज्य के विकास में काफी योगदान दिया।
चौहान ने घोषणा की कि राज्य के हर मजदूर को पक्के घर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कार्य तीन वर्षों में पूरा हो जाएगा। शहरों में मजदूरों के लिए पक्के घरों को उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि गांवों में मजदूरों के परिवारों को चिह्नित किया जाएगा और पट्टा को दिया जाएगा और पक्के घरों के निर्माण के लिए उन्हें धन उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकार शिक्षा के लिए कक्षा 1 से डॉक्टरेट तक मजदूरों के बच्चों की फीस उठाएगी। इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल और प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान शामिल होंगे। श्रमिक विद्यालयों को भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में मजदूरों के बच्चों के लिए पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर खोला जाएगा। इन स्कूलों में इन बच्चों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मजदूरों के बच्चों को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सर्वोत्तम कोचिंग संस्थानों में मुफ्त कोचिंग उपलब्ध होगी। इन संस्थानों की फीस का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। प्रसिद्ध निजी अस्पतालों में गंभीर बीमारियों वाले मजदूरों के इलाज के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यदि जरूरत पड़ी तो मुंबई और नई दिल्ली जैसी शहरों में उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी। असंगठित क्षेत्र व छोटे व्यापार में लगे मजदूरों के लिए लघु अवधि के प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका सपना है कि राज्य के मजदूर अपने उद्यम स्थापित करने के लिए पर्याप्त सक्षम हो सकें। इसके लिए एक वर्षीय प्रशिक्षण की व्यवस्था उनके लिए की जाएगी और उनके लिए बैंक ऋण उपलब्ध कराएगा ताकि वे आत्मनिर्भर हो जाएं। वे ऋण पर सब्सिडी भी प्राप्त करेंगे और ऋण गारंटी सरकार द्वारा ली जाएगी। स्वयं रोजगार के लिए प्रति वर्ष एक लाख मजदूरों को ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
मजदूरों के पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की पूर्ण स्वास्थ्य जांच की जाएगी और उनके लिए विशेष पौष्टिक भोजन का आयोजन किया जाएगा। पोषण के लिए 6 से 9 महीने की गर्भवती महिला श्रमिकों को 4,000 रूपए प्रदान किए जाएंगे। डिलीवरी के बाद सरकार संबंधित महिला के खातों में 12,500, रुपया रकम जमा करेगी ताकि वह घर पर आराम कर सके।
चरण पादुका योजना के तहत चप्पल व जूते का वितरण और उन महिलाओं को ठंडे पानी की बोतलों के वितरण के लिए एक और योजना है जो तेंदु पत्ते, महुआ फूलों और चिरंजी को इकट्ठा करती हैं। रुपये की नकद भुगतान की भी व्यवस्था की जा रही है। एक मजदूर की मृत्यु के मामले में पंचायत व शहरी निकाय से 5,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा ताकि अंतिम संस्कार गरिमा के साथ किया जा सके। मजदूर के परिवार की प्राकृतिक मौत के मामले में 2 लाख रुपये और दुर्घटना में मृत्यु के मामले में 4 लाख रुपये दिए जाएंगे।
मजदूरों का पंजीकरण पहले ही शुरू हो चुका है, जो मई के महीने तक पूरा हो जाएगा। इसके लिए एक विशेष पोर्टल बनाया गया है। यह मजदूर पंजीकरण के लिए संबंधित पंचायत या शहरी निकाय द्वारा यह लिखा जाना ही पर्याप्त है कि वह मजदूर है और उसके पास कोई नौकरी नहीं है और वह आयकर का भुगतान नहीं करता है। शारीरिक रूप से असमर्थ व्यक्तियों के लिए ई-रिक्शा प्रदान करने के लिए पहल की जाएगी। इसी प्रकार, ई-लोडर्स को गाड़ी का मालिकाना हक देने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए के लिए 5 हजार रुपये ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। सभी असंगठित मजदूरों के परिवारों को 200 रुपये प्रति माह की एक सपाट दर पर बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे।
मध्य प्रदेश असंगठित शहरी ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष सुल्तान सिंह शेखावत ने कहा कि असंगठित श्रमिक समुदाय समाज के सबसे अधिक शोषित और वंचित वर्ग हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जो असंगठित मजदूरों की भलाई के लिए सोचता है। शेखावत ने आशा व्यक्त की है कि मध्य प्रदेश असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाएगा और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपने को साकार करने में मदद करेगा। (संवाद)
        
            
    
    
    
    
            
    असंगठिज क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक असाधारण कदम
बीजेपी राज्य विधानसभा चुनावों में राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश कर रही है
        
        
              एल एस हरदेनिया                 -                          2018-03-30 10:44
                                                
            
                                            भोपालः जैसे-जैसे 2018 विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आ रही है, बीजेपी की अगुवाई वाली मध्यप्रदेश सरकार समाज के वंचित वर्गों को चांद लाकर देने का वादा कर रही है।