देश में कई तरह कई समस्याएं है जिनमें रोजगार की समस्या दिन पर दिन गंभीर होती जा रही है। अधिकांश रोजगार सृृजित करने वाले उद्योग आ तो रहे नहीं, जो चल रहे है, उनकी दशा दिन पर दिन जर्जर होती जा रही है। बेरोजगार युवा वर्ग की जेंबे खाली पड़ी है और उसे सरकार से लेकर निजी संस्थान तक रोजगार देने के नाम पर लूटने में लगे हुए है। रोजगार पाने तक किसी के पास युवा वर्ग को राहत देने का काई पैकेज नहीं जब कि हर तरह से सम्पन्न देश के हमारे जनप्रतिनिधि आये दिन अपनी सुविधाएं एवं वेतन बढ़ाने में लगे रहते है।

चुनाव से पूर्व उनके पास रही सम्पदा चुनाव के बाद विजयी होने पर दिन दुनी रात चैगुनी कैसे बढ़ जाती है , इस दिशा में कोई मंथन नहीं। शिक्षा का माफिया तंत्र बेपनाह दौलत एकत्रित करने में शिक्षा के प्रसार में लगा है जहां बेराजगारों की फौज तैयार हो रही है। देश के उद्योगपति विदेशों में उद्योग लगा रह है पर इस देश में नये उद्योग लगाने का कोई नाम नहीं ले रहा । युवा वर्ग को रोजगार देने के नाम पर कौशल योजना के तहत सरकारी धन को लुटाया जा रहा है।

उद्योग तो उद्योगपति ही लगा सकते है जहां प्रशिक्षित युवा वर्ग को रोजगार मिल सकता है पर इस तरह की योजना किसी सरकार के पास फिलहाल नजर नहीं आ रही है। देश में घर - घर लघु उद्योग चीन की तरह विकसित हो, इस तरह का पैमाना कहीं से भी नजर नहीं आ रहा है। किसान आज के बाजारवाद में पनप रहे दलालों के चंगुल से निकल सके जहां उसके फसल का उचित मुवावजा मिल सके इस दिशा में किसी का ध्यान नहीं । वोट बटोरने के लिये सभी सरकारी धन को लुटाने में लगे हुए है। इस प्रकिया से देश का विकास सही मायने में कभी नहीं हो सकता ।

देश में अच्छे जनप्रतिधियों की संख्या बहुत ही कम है जो है भी उनकी चलती नहीं । आज भी सभी राजनीतिक दलों पर देश के माफियाओं का कब्जा है। जिसके माध्यम से कालाधन का गोरखधंधा तेजी से अपना पग पसारता रहा है। इस तरह के लोगों को साथ में रखकर कालाधन वापिस लाने एवं रोकने संबंधित कथन सफेद झूठ ही तो है जिसके सहारे नरेन्द्र मोदी के नेतृृत्व में भाजपा की सरकार केन्द्र में प्रचंड बहुमत लेकर गठित हुई । इसमें कहीं संदेह नहीं कि नरेन्द्र मोदी एक अच्छे वक्ता है, जिसके वजह से भाजपा आगे बढ़ी। आज कांग्रेस के पास नरेन्द्र मोदी की तरह वकतव्य देने वाला सामने नजर नहीं आ रहा है। यदि कोई है भी तो कांग्रेस में दबा पड़ा है।

कांग्रेस के शासनकाल में देश का विकास नहीं हुआ ऐसा कहा नहीं जा सकता पर मूलभूत समस्याएं जिसने देश को आर्थिक रूप से कमजोर किया है, ज्यो कि त्यों है। देश का औद्योगिक विकास एवं हरित क्रांति कांगेस कार्यकाल में ही हुई । जिसे नकारा नहीं जा सकता । इसी तरह नरेन्द्र मोदी की आतंकवाद पर विश्व स्तर पर की गई पहल एवं स्वच्छता के क्षेत्र में की गई आंतरिक अनोखी पहल जहां आम आदमी में स्वच्छता के प्रति आज जागरूकता नजर आने लगी है, निश्चित रूप से सराहनीय हे। तेज तर्रार अभिव्यक्ति एवं विश्व स्तरीय पैमाने के मापदंड जिस तरह से कांग्रेस की पूर्व नेता इंइिरा गांधी में देखी जा सकती है वहीं पैमाना भापजा में फिलहाल नरेन्द्र मोदी के पास नजर आ रहा है।

कांग्रेस के लालबहादुर शास्त्री अपने क्षणिक कार्यकाल में जो कीर्ति बना गये एवं राजीव गांधी देश को इलेक्ट्रानिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो पृृष्ठिभूमि निभा गये, उसे कतई भुलाया नहीं जा सकता। राजनीतिक बातें तो बहुत हो सकती है। कांग्रेस ने क्या किया ? आसानी से कहा जा सकता पर आजादी के बाद देश के जो हालात उभर कर सामने आये थे, उस समय कांग्रेस ने ही पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृृत्व देश की बागडोर संभाली थी। आजादी के बाद बटवारे से उपजे अंग्रेजों द्वारा पनपाई देश में नफरत की आग, भीषण अकाल एवं चीन युद्ध की चुनौती को बड़े सहज ढंग से पं. नेहरू ने ही संभाला। इस तरह की पृृष्ठिभूमि को लच्छेदार भाषणों से नहीं भुलाया जा सकता ।

कांग्रेस ने जो किया वो तो किया ही अब देश में क्या हो रहा है। इसका जबाब वर्तमान सरकार को देना होगा। भाषण से लोग प्रभावित तो हो सकते पर उनका पेट नहीं भर सकता। इस तथ्य को सभी को समझना होगा। आजतक देश का पड़ौसी पाक ही अपना नहीं बन पाया तो दूसरे से क्या उम्मीदें की जा सकती। देश में आतंकवाद , अलगाववाद एवं अनेक ज्वलंत समस्याओं को बाहर से ज्यादा अपने ही राजनतिक लाभ के लिये संरक्षण दे रहे है। इस तथ्य को समझना होगा। (संवाद)