बीजेपी के सांसद व पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के अनुसार अभी देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती मंहगाई है। आम जनता बजट से आस लगाए हुई थी कि वित्त मंत्री कोई ऐसा उपाए निकालेंगे जिससे खाद्य पदार्थो खासकर अनाजों के दाम गिरेंगे। लेकिन वित्त मंत्री ने आग में घी डालने वाला प्रावधान इस बजट में किया है।पेट्ोल,डीजल के मूल्य बढ़ने से मंहगाई नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। यशवंत सिन्हा के अनुसार वित्त मंत्री ने मंहगाई पर काबू पाने की चुनौती से मुकाबला करने के बदले घुटने टेक दिए हैं।

सीपीएम नेता सीताराम येचूरी के अनुसार आम आदमी के नाम पर बनाया गया यह बजट आम आदमी के खिलाफ है। इस बजट में मूल्यों को नियंत्रित करने के उपाए नहीं गए हैं, उल्टे ईंधन की कीमत बढ़ने से कृषि मंहगा हो जाएगा।मध्यम वर्ग को राहत देने के नाम पर उससे धोखा किया गया है।बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई नया कदम नहीं उठाया गया है।

वित्त मंत्री ने इस बजट में महिलाओं को भी नहीं बख्शा है। बजट से उनके रसोई घर से कई खाद्य पदार्थ गायब होने वाले हैं,या उनकी मात्रा में कटौती होने वाली है।अगले कुछ महीनों से शादी का मौसम शुरू होने वाला है। सोने व चांदी के भाव बढ़ने से दूल्हनियों के पिता की जेब खाली हो सकती है। सोने और प्लैटिनम पर लगने वाला सीमा शुल्क् 200 रु प्रति 10 ग्राम से बढ़ा कर 300 रु करने का प्रावधान इस बजट में किया गया है।वहीं चांदी पर लगने वाला सीमा शुल्क 200 रु प्रति किलो ग्राम को बढ़ा कर 1500 रु कर दिया गया है।

वित्त मंत्री ने समाज के कुछ तबकों के लिए अपने बजट में कल्याणकारी प्रावधान भी किया है। दिन प्रतिदिन दुर्घटनाओं में हो रही वृद्धि को देखते हुए इस बजट में वित्त मंत्री ने अस्थि विकलांग संबंधी यंत्रों के विनिर्माण के लिए आयात शुल्क में 5 फीसदी की छूट दी है। विधि और न्याय क्षेत्र के लिए 280 करोड़ रु का प्रावधान किया गया है।जिसमें से ग्राम न्यायालयों की स्थापना और संचालन के लिए राज्य सरकारों को सहायता नामक एक नई परियोजना के लिए 40 करोड़ रु का प्रावधान किया गया है।उन्होंने पांच लाख से आठ लाख रुपयों तक की आय पर 20 प्रतिशत और आठ लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाकर मध्यवर्ग का दिल लुभाया। श्री मुखर्जी के अनुसार इस बदलाव से 60 प्रतिशत करदाताओं को लाभ होगा और सरकार को 26 हजार करोड रुपये का त्याग करना पडे़गा।

आम बजट के खिलाफ आंदोलन की तैयारी करने का एलान करने वाली विपक्षी पार्टियों के विपरीत यूपीए सरकार के मंत्रियों ने बजट को संतुलित बताया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद के अनुसार अल्पसंख्यकों समेत सामाजिक क्षेत्र के लिए आवंटित राशि में पर्याप्त वृद्धि सरकार की सामाजिक दायित्वों को परिलक्षित करती है।
रक्षा राज्यमंत्री पल्लम राजू ने कहा कि रक्षा क्षेत्र से जुड़े छोटे एवं कुटीर उद्योगों के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि के आवंटन से आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में मदद मिलेगी।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा सदन में बजट पेश किए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि बजट बेहद संतुलित और तर्कसंगत है। इसमें संसाधनों को जुटाने पर ध्यान दिया गया है। बजट को मौजूदा परिप्रेक्ष्य में देखे जाने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 133 डॉलर प्रति बैरल की ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी के बाद देश में तेल के दामों में तीव्र वृद्धि को देखते हुए सरकार ने सम्बन्धित कर ढांचे में बदलाव करके कुछ कर खत्म कर दिए थे लेकिन अब कच्चे तेल की कीमतें होने और स्थिति सामान्य होने के बाद पुराने कर ढांचे को बहाल किया गया है।इसमें कुछ भी गलत नहीं है।