लेकिन सचाई कुछ और है। अकाली दल और भाजपा के एक साथ राजनैतिके गठबंधन करने और मिलकर सत्ता में भागीदारी करने के बावजूद सांप्रदायिक ताकतें मजबूत हो रही हैं और वे माहौल में सांप्रदायिकता का जहर घोल रही हैं। सच तो यह है कि सांप्रदायिकता के प्रसार में दोनों सत्तारूढ़ पार्टियां जिम्मेदार हैं। वे सांप्रदायिकता को कोई खतरा नहीं मान रही हैं, लेकिन 3 साल पहले उनके सत्ता में आने के बाद जो सांप्रदायिक घटनाएं घटी हैं, उन्हें वे कैसे नकार सकती हैं।
उनके सत्ता में आने के बाद ही सिक्खों और डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों के बीच संघर्ष हुए। सिक्खों ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरु राम रहीम के खिलाफ आंदोलन किए और उस दौरान कॉफी हिंसा हुई। कुछ दिन पहले डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों ने राम रहीम के खिलाफ सीबीआई द्वारा मुकदमा किए जाने के खिलाफ व्यापक हिंसा की। गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा के समर्थक ज्यादातर पिछड़ी जातियों और दलित समुदायों के लोग हैं।
डेरा सच खंड के समर्थकों ने भी पंजाब में काफी हंगामा मचाया। उनके एक नेता की वियेना में सिक्ख आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। उसके खिलाफ जमकर उत्पात किए गए। गौरतलब है कि डेरा सचखंड रविदासिया जाति के लोगों का आघ्यात्मिक संगठन है। संत रविदास के वे अनुयाई हैं। सिक्खों के साथ उनका तनाव इतना बढ़ गया है कि उन्होंने सिख समुदाय से होकर रविदासिया घर्म के गठन की घोषणा कर दी है। इससे पंजाब में तनाव बढ़ गया है, क्यांेकि अब तक रविदासिया समुदाय के लोग अपने को सिक्ख कहा करते थे और रविदास के कई भजन सिक्खों के गुरुग्रंथ साहिब का हिस्सा हैं। एक अलग घर्म के गठन की घोषणा माहौल को सांप्रदायिक बना रही है और भाजपा व अकाली दल यह मानने को तैयार ही नहीं हो रहे हैं कि पंजाब का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ रहा है।
लुधियाना में आशुतोष महाराज के आयोजन पर भी हमले हुए थे और उस हमले में एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी। उस आयोजन से भारतीय जनता पार्टी का एक नेता भी जुड़ा हुआ था। उसी दिन लुधियाना में दूसरे राज्य से आए लोगों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। बाहर से आए हुए लोग अपराघियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने का विरोध कर रहे थे।
इस तरह पंजाब में एक से एक सांप्रदायिक घटनाएं घट रही हैं, लेकिन भाजपा और अकाली दल उनकी परवाह ही नहीं कर रहे हैं। (संवाद)
फैल रहा है पंजाब में सांप्रदायिकता का जहर
अकाली दल- भाजपा गठबंधन इसके लिए जिम्मेदार
बी के चम - 2010-03-04 10:08
चंडीगढ़ः अकाली दल और भाजपा गठबंधन के सत्ता में आने के बाद पंजाब में सांप्रदायिकता तेजी से पांव पसार रही है। अकाली दल और भाजपा के नेता इस तथ्य को मानने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन दोनों का एक साथ होना ही इस बात की गारंटी है कि पंजाब में सांप्रदायिकता पांव नहीं फैला सकती।