राज्य की यात्रा के दौरान मायावती और अखिलेश यादव ने सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और मीडिया से बातचीत की। दोनों नेताओं ने दावा किया कि कांग्रेस-बीएसपी-एसपी गठबंधन 230 में कम से कम 200 सीटों पर कब्जा कर सकता था। एसपी ने मध्यप्रदेश में प्रस्तावित कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन में बीएसपी को शामिल करने को कहा था, लेकिन कांग्रेस ने इसे ठुकरा दिया, अखिलेश यादव का यह दावा था।

अखिलेश ने भोपाल में कहा, ‘हम 230 में से 200 सीटों पर जीत हासिल कर लेते, यदि कांग्रेस ने बीएसपी, एसपी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन बनाया होता।’

एसपी ने गठबंधन के लिए कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि राहुल गांधी की अगुवाई वाली पार्टी प्रस्तावित गठबंधन में बसपा को शामिल करने के लिए तैयार नहीं थी’, यादव ने पार्टी के चुनाव घोषणापत्र जारी करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा। ‘इसलिए हमने फैसला किया कि यदि कांग्रेस बसपा के साथ गठबंधन बनाने के लिए तैयार नहीं है तो हम गठबंधन में भी प्रवेश नहीं करेंगे’।

एसपी प्रमुख का यह बयान उस दिन आता है जब बीएसपी की प्रमुख मायावती भी राज्य की राजधानी में थीं।

एसपी प्रमुख ने दावा किया कि उनका घोषणापत्र किसान केंद्रित हैा। यह आत्महत्या करने वाले किसानों के रिश्तेदारों के लिए 20 लाख रुपये देने का वादा करता है।

बीजेपी पर हमला करते हुए यादव ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी जाति, राम मंदिर, गाय इत्यादि में शरण लेती है, जब इससे नोटबंदी, जीएसटी और दो करोड़ नौकरियों के निर्माण के वादे के मुद्दों पर सवाल किया जाता है। एसपी मध्यप्रदेश में 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2013 के विधानसभा चुनावों में एसपी ने सीट पर जीत हासिल की थी।।

मायावती ने कहा कि बीजेपी की तरह कांग्रेस मध्यप्रदेश में बीएसपी को खत्म करने की साजिश कर रही है। इसी कारण कांग्रेस राज्य में बीएसपी को कमजोर सीटें (जहां कांग्रेस कमजोर थी) आबंटित करना चाहती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में सीटों के साझाकरण और समायोजन को अंतिम रूप देने में इस तरह का रवैया मुख्य बाधा था।

भेल दशहरा मैदान में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, ‘जब सीट साझा करने की कोई गुंजाइश नहीं थी तो बीएसपी ने आखिरकार अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया।’ ‘कांग्रेस उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में बसपा के प्रभुत्व के कारण निराश दिख रही है’, उन्होंने आगे कहा।

कांग्रेस गलत धारणा की शिकार है कि वह भाजपा को अकेले पराजित कर सकती है, लेकिन जमीन की वास्तविकता यह है कि लोगों ने उसकी गलतियों और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस को माफ नहीं किया है। कांग्रेस सुधरने के लिए तैयार नहीं है’, मायावती ने कहा।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से भाजपा और कांग्रेस की रणनीति के खिलाफ सतर्क रहने के लिए कहा, जो कि आखिरी पल तक मध्यप्रदेश में बीएसपी को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी कर सकती हैं।

इस बीच, चुनाव बाद गठबंधन का संकेत देते हुए कांग्रेस मीडिया के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव के बाद कांग्रेस ने सत्ता में आने पर समान विचारधारा वाले पक्षों के लिए विकल्प खुले रखे हैं। कुछ पार्टियां गठबंधन बनाने के लिए आगे आईं हैं, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है लेकिन एक विकल्प यह है कि अगर कांग्रेस ने सरकार बनाई तो समान मानसिकता के दल इसमें शामिल हो सकते हैं।

सत्ता विरोधी माहौल में दिन-प्रतिदिन हो रही वृद्धि के मद्देनजर बीजेपी ने अपनी प्रचार मशीनरी को तेज कर दिया है। इसने राष्ट्रीय नेताओं की एक फौज खड़ी कर दी है और सार्वजनिक बैठकों, रैलियों, सड़क कार्यक्रमों और मीडिया के लिए बैठक आयोजित की है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, जो मध्यप्रदेश का दौरा कर रहे हैं उनमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी और एमपी हेमा मालिनी शामिल हैं।

बीजेपी के ज्यादातर उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान के दौरान शत्रुतापूर्ण भीड़ का सामना कर रहे हैं। एक चैंकाने वाली घटना में नागदा-खच्रोड से बीजेपी के उम्मीदवार दिलीप सिंह शेखावत ने एक अजीब पल का सामना किया जब एक युवक ने उनकी गर्दन के में चप्पलों से बने माला पहना दी। ऐसी बदसूरत घटनाओं का सामना करने वाले अन्य लोगों में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी शामिल हैं, जिन्हें भोपाल के अर्जुन नगर झोपड़पट्टी क्षेत्र में प्रचार करते समय पीटा गया था। हाट पिप्लिया निर्वाचन क्षेत्र में शिक्षा मंत्री दीपक जोशी को जन आक्रोश का सामना करना पड़ा। इंदौर के पास संवर के भाजपा विधायक राजेश सोनकर को बिसाखेडी गांव में हमले का शिकार होना पड़ा। बीजेपी के उम्मीदवार अरुण भीमवाड़ के वाहन को शाजापुर में क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, जबकि खिलचिपुर भाजपा विधायक हजारीलाल डांगी को हमले से बचाना पड़।उस समय लोग उन पर पत्थर फेंक रहे थे। जवाड़ के ग्रामीणों ने विधायक ओमप्रकाश सलेचा को वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया।

राज्य भर के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में जनता द्वारा बीजेपी मंत्रियों और विधायकों की पिटाई ने सत्तारूढ़ दल को परेशान कर दिया है। मध्यप्रदेश में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सोमवार की रात राज्य की राजधानी में आपातकालीन बैठक बुलानी पड़ी। (संवाद)