डाॅ. आव्हाड का कहना है कि नरेन्द्र मोदी इस चुनाव में वह हर बात कर रहे हैं, जो चुनाव में महत्वपूर्ण नहीं है। जब हम वोट के लिए जनता के सामने जाते हैं, तो बताना पड़ता है कि हमने 5 साल में क्या किया और अगले 5 साल में क्या करेंगे? लेकिन नरेन्द्र मोदी के पास पिछले 5 साल के काम को लेकर बताने लायक कुछ नहीं है और न ही अगले 5 साल के लिए उनके पास रोजगार, सूखा, शिक्षा आदि को लेकर कोई विजन है। इसलिए वे चुनाव के हर चरण में नया नरेटिव ला रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें बैकफुट पर आना पड़ रहा है। पहले चरण में उन्होंने एंटी सेटेलाइट मिसाइल को मुद्दा बनाया। लेकिन जल्द ही लोगों को पता लग गया कि यह काम तो देश में पहले ही हो गया था। तो उन्होंने बालकोट और पुलवामा को मुद्दा बनाया। लेकिन फिर लोगों ने सवाल करना शुरू कर दिया कि इतनी बड़ी मात्रा में आरडीएक्स लेकर कोई कैसे सुरक्षा व्यवस्था को भेद दिया और इस चुक की जिम्मेदारी किसकी है। उन्होंने श्रीलंका का उदाहरण देकर बताया कि वहां आतंकी हमले के बाद सुरक्षा में चुक की जिम्मेदारी वहां के प्रधानमंत्री ने ली और जनता से माफी मांगी। अब मोदी जी राजीव गांधी के खिलाफ बोल रहे हैं। इस पर भी देश में नाराजगी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बयान में कहा था कि ‘‘मैं राजीव गांधी की वजह से जिन्दा हूं।’’ इतनी गंदी राजनीति देश में अब तक नहीं हुई है। भाजपा लगातार कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों को उकसाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस ने पहले से जो मुद्दा तय किया था - राफेल में भ्रष्टाचार और न्याय योजना, उस पर अभी भी अडिग है।
डाॅ. जितेन्द्र ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने मोदी जी के बयान पर यह कहकर सबका दिल जीत लिया कि आप मेरे परिवार से नफरत करते रहो, मैं आपसे प्यार करता रहूंगा। राहुल गांधी सही मायने में महात्मा गांधी के विचारों का प्रसार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में साध्वी प्रज्ञा को उतारने का फैसला भी भाजपा का अगले कई सालों तक के लिए नरेटिव सेट करने के लिए है। लेकिन वह इसमें भी फेल हो गई है। भोपाल में दो उम्मीदवारों के बीच नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई है। एक ओर दिग्विजय सिंह हैं, तो दूसरी ओर आतंक की आरोपी साध्वी प्रज्ञा, जिसने शहीद अधिकारी का अपमान किया। भोपाल में अब संविधान बचाने की लड़ाई चल रही है।
उनका कहना है कि शहीद अधिकारी पर साध्वी प्रज्ञा के दिए बयान से महाराष्ट्र के लोग दुखी हैं। महाराष्ट्र में इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ रहा है। यही वजह है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को बयान देना पड़ा कि प्रज्ञा के बयान सही नहीं है और शहीद हेमंत करकरे पर देश को नाज है। लेकिन उनके इस बयान का मतदाताओं पर असर नहीं है। महाराष्ट्र और उसके बाहर रह रहे मराठी लोग दुखी हैं। भोपाल में भी मध्यप्रदेश क्षत्रीय मराठा समाज ने दिग्विजय सिंह को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। डाॅ. जितेन्द्र को दुख है कि नरेन्द्र मोदी ने साध्वी का समर्थन किया है। जबकि शहीद हेमंत करकरे की शहादत के बाद उनके घर जाकर उन्होंने करकरे की तारीफ करते हुए दो करोड़ रुपए की सहायता की पेशकश की थी। इसका मतलब है कि साध्वी प्रज्ञा का समर्थन करके वे शहीदों का अपमान कर रहे हैं।
उनका कहना है कि भोपाल आने का उनका मकसद संविधान को बचाना है। भोपाल एक शांत, सुंदर और संस्कारी शहर है और उन्हें उम्मीद है कि यह आगे भी ऐसा बना रहेगा। साध्वी प्रज्ञा को न केवल भोपाल की जनता नकार देगी, बल्कि इसके कारण भाजपा को पूरे देश में नुकसान होगा। (संवाद)
ड्रामा स्कूल के प्रिंसिपल है मोदी: जितेन्द्र आव्हाड
शहीद हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान के बाद मराठी समाज भाजपा के खिलाफ
राजु कुमार - 2019-05-09 12:52
पूरे देश की निगाहें भोपाल सीट पर लगी हुई है। पूरे देश से कई बुद्धिजीवी एवं नेता भोपाल आकर मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि देश को सांप्रदायिकता से बचाने और संविधान की रक्षा के लिए मतदान करें। इस सिलसिले में भोपाल आए नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मंत्री डाॅ. जितेन्द्र आव्हाड ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ड्रामा स्कूल के प्रिंसिपल हैं। वे लगातार ड्रामा कर रहे हैं। चुनाव के हर चरण में नरेटिव बदलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो पा रहे हैं। पांच साल पहले उन्होंने सपने दिखाए थे। उनके पास बताने के लिए कोई काम नहीं है, इसलिए वे चुनाव के वास्तविक मुद्दों से हटकर बात कर रहे हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की भोपाल से उम्मीदवारी और शहीद आइपीएस अधिकारी हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा के बयान को लेकर जितेन्द्र आव्हाड ने अपने विचारों को बेबाकी से साझा किया।