एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो राज्य कांग्रेस प्रमुख बनने के उम्मीदवार हैं, जो अब तक चुप थे, चल रहे विवाद पर टिप्पणी करने से अपने आपको रोक नहीं पाए। वर्तमान में कमलनाथ के पास प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का भी प्रभार है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह दो पदों पर रहना नहीं चाहते। अब विवादों के बीच सिंधिया उमंग सिंगार के समर्थन में सामने आ गए हैं। सिंधिया ने कहा है कि किसी को भी राज्य सरकार के संचालन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
ग्वालियर में पत्रकारों से बात करते हुए सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से ’दोनों पक्षों’ के साथ चर्चा करने और इस मुद्दे को हल करने का आग्रह किया। “मुख्यमंत्री को बैठना चाहिए, दोनों पक्षों को सुनना चाहिए और उनसे बात करनी चाहिए। इसके बाद ही मामला सुलझेगा।’’ सिंधिया ने कहा कि पार्टी 15 साल बाद सत्ता में आई है और लोगों को उससे काफी उम्मीदें हैं।
उन्होंने कहा, “15 वर्षों से बहुत कठिनाई और कड़ी मेहनत के साथ, राज्य में आज कांग्रेस की सरकार है। सभी ने आशा और विश्वास के साथ काम किया कि एक नया मध्य प्रदेश स्थापित होगा और विकास और प्रगति होगी ”, उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह ध्यान रखे कि लोगों को इस सरकार से बहुत आशा और उम्मीद है।
सिंधिया ने जोर देकर कहा कि सिर्फ उमंग सिंगार ही नहीं, बल्कि दिग्विजय सिंह की बात को भी सुना जाना चाहिए। दिग्विजय सिंह पर एक अप्रत्यक्ष हमले में, सिंधिया ने कहा “सरकार को अपनी नींव और ताकत पर चलना चाहिए। कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, इस बारे में कोई दो राय नहीं है। सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए ”।
सिंधिया की टिप्पणियों के बाद राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि “दिग्विजय सिंह 10 वर्षों के लिए मुख्यमंत्री थे। वह राज्य कांग्रेस अध्यक्ष भी थे। मैं उनके अनुभव का लाभ लेने के लिए समय-समय पर उनसे सलाह लेता हूं। सिर्फ उन्हें नहीं, मैं राज्य के लाभ के लिए कई पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व राज्य कांग्रेस अध्यक्षों से भी परामर्श करता हूं। मैं कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से भी सलाह लेता हूं और राज्य के विकास के लिए रोड मैप बनाने के लिए अन्य नेताओं से सलाह लेता हूं।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने योजनाओं और विकास नीतियों के बारे में अन्य संप्रदायों के मुख्यमंत्रियों से भी सलाह ली है। मुझे नहीं लगता कि चर्चा, सलाह और परामर्श गलत हैं। किसी भी उम्र में व्यक्ति को सलाह और ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सिंगार और पार्टी के विधायकों राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और हीरालाल अलावा को बुलाया - जिनके नाम विवादास्पद ऑडियो क्लिप में सामने आए थे। सिंगार दिग्विजय पर पर हमला बोल रहे थे। उन्हें ब्लैक मेलर कह रहे थे। उनपर सरकार में तोड़फोड़ करने की कोशिश करने का आरोप भी लगा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, नाथ ने उन्हें कुछ सख्त बातें कही और सलाह दी कि उन्हें मीडिया के सामने बयान देने के बजाय मुद्दों को सुलझाने के लिए उनसे संपर्क करना चाहिए।
प्रतिद्वंद्वी गुटों के मंत्री मुख्यमंत्री से शर्मिंदगी के कारण अन्य गुटों से संबंधित मंत्रियों को हटाने की मांग कर रहे हैं।
जाहिर है कि भाजपा चुप नहीं बैठेगी और कांग्रेस में स्थिति को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करेगी। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चैहान ने कांग्रेस में कलह का हवाला दिया और सोनिया गांधी से आग्रह किया कि मप्र में पार्टी में क्या हो रहा है, इसे स्पष्ट करें। राज्य में संवैधानिक संकट है क्योंकि एक मंत्री का कहना है कि दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं। कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि सरकार कौन चला रहा है ”
यह पता चला है कि मुख्यमंत्री सभी मंत्रियों के साथ परामर्श करेंगे। उन्होंने राजनीतिक मामलों पर उप-समिति की बैठक बुलाई है। समिति का नेतृत्व सीएम द्वारा किया जाता है और इसमें छह शीर्ष मंत्री शामिल होते हैं। हालांकि, माना जाता है कि सीएम ने सभी 28 मंत्रियों को बैठक के समय उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
कमलनाथ भी आक्रामक मुद्रा में हैं और भाजपा के खिलाफ उन्होंने जवाबी हमला किया,“ मध्य प्रदेश में कोई संवैधानिक संकट नहीं है और मुख्यमंत्री पद को लेकर लिए पार्टी के भीतर किसी तरह का विरोधाभास नहीं है।‘‘
उन्होंने कहा, “राज्य के लोगों, सभी विधायकों और पार्टी ने पूरा विश्वास दिखाया और मुझे नेतृत्व सौंपा। पहले दिन से मैं अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को प्रतिबद्धता और ईमानदारी के साथ पूरा कर रहा हूं। मैं ऐसा करने में सक्षम हूं। नाथ ने कहा कि बीजेपी के आरोप“ निराधार और गुमराह करने वाले हैं। ‘‘हर कोई जानता है कि सरकार कौन चला रहा है और इस पर टिप्पणी करने की कोई आवश्यकता नहीं है’’।(संवाद)
मध्यप्रदेश कांग्रेस का गुटीय संघर्ष जारी है
भाजपा इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रही है
एल एस हरदेनिया - 2019-09-07 08:43
भोपालः मध्यप्रदेश कांग्रेस में हर दिन गुटबाजी का दौर मुखर होता जा रहा है। मंत्री उमंग सिंगार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की कड़ी चेतावनी के बावजूद मप्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बयानबाजी पर रोक नहीं लगाई है। नाथ ने उन्हें बुलाया और चुप रहने के लिए कहा।