कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मायावती को मूर्तिदेवी की संज्ञा देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।उन्होंने आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र मे पिछड़ा हुआ है। राज्य का साक्षरता दर 57 फीसदी है जो राष्ट्ीय दर 65 फीसदी से काफी कम है।उन्होंने कहा कि बच्चों का मृत्यु दर,जीवन दर आदि में उ प्र का रिकार्ड खराब है ओर राष्ट्ीय दर से कम है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मे सबसे ज्यादा बच्चे लगभग 95 लाख स्कूल ही नहीं जाते। शिक्षा के अधिकार कानून का पालन करने से उत्तर प्रदेश के बच्चे का बचपन सुधर सकता है लेकिन मायावती केा बच्चे के भविष्य की फिक्र नहीं है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार कानून हो जाने से शिक्षा पर कुल 18 हजार करोड़ रु खर्च आ सकता है जिसमें से प्रदेश केा मात्र 45 फीसदी अथार्त 8 हजार करोड़ खर्च करने हैं बाकी खर्च केंद्र सरकार को करनी है। लेकिन मु,ख्यमंत्री इतना भी खर्च करना नहीं चाहती।
कांग्रेस प्रवक्ता सिंघवी ने कहा मायावती सरकार प्रत्येक वर्ष मूर्तियों पर 4500 करोड़ खर्च कर रही है। इन मूर्तियों की सुरक्षा पर खर्च का बजट 67 करोड़ का बनाया गया है।लेकिन सरकार के पास शिक्षा पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती शिक्षा को ले कर भी राजनीति करने लगी है।उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को ले कर राजनीति करना अच्छी बात नहीं है।शिक्षा को राजनीति के मैदान से अलग रखना चाहिए।
उ प्र सरकार ने मांगा पैसा,मिली दुत्कार
एस एन वर्मा - 2010-04-05 13:14
नई दिल्ली। शिक्षा के मौलिक अधिकार कानून लागू हो जाने के दिन से ही केंद्र सरकार अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है।सूचना के अधिकार और महात्मा गांधी राष्ट्ीय रोजगार गारंटी कानून के बाद कांग्रेस शिक्षा के अधिकार केा यूपीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मान कर चल रही है,जिसका ढिंढोरा अभी से ही पीटना शुरू कर दी है। वहीं शिक्षा के अधिकार कानून का आलोचना करने वाले राज्य सरकारों को भी खरी खोटी सुनाने से परहेज नही कर रही है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने इस कानून के लागू करने में पैसे को ले कर आ रही कमी का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार से धन की मांग कर दी थी।, आज कांग्रेस ने उनकी मांग का परिहास उड़ाते हुए राज्य सरकार को दुत्कार सा दिया।