9 मार्च को मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचने पर 14 दिनों के अलगाव के लिए बॉलीवुड गायिका को क्यों नहीं भेजा गया था, इस सवाल का जवाब देने के लिए कोई तैयार नहीं है, जबकि केन्द्र सरकार ने यह नीति तकतक बना ली थी कि विदेश से आने वाले व्यक्ति को अनिवार्य रूप से 14 दिनों के लिए अलगाव पर भेज दिया जाएगा।
वह तो हुई मुंबई हवाई अड्डे की बात, जहां वह विदेश से 9 मार्च को पहुंची थी। उसके बाद गड़बड़ी उत्तर प्रदेश में भी हुई। लखनऊ हवाई अड्डे पर उसे कोरोना पाॅजिटिव पाया गया। अगर वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई, जैसा कि अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में दावा किया गया है, तो उन्होंने उसे जाने क्यों दिया और कोराना पाॅजिटिव पाये जाने के बाद की नीति का पालन कनिका के मामले में क्यों नहीं हुआ?
कनिका ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि उन्हें हवाई अड्डे पर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और उन्होंने कहा कि बाद में कोरोना के लक्षण विकसित हुए थे और परीक्षण करवाने में उन्हें बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा था। उनके द्वारा भाग लिए गए कार्यक्रमों के बाद ही पुष्टि हुई थी कि वह कोरोना वायरस पॉजिटिव है।
ऐसे समय में जब पूरी दुनिया घरबंदी और अन्य प्रतिबंधों के माध्यम से कोरोना वायरस से लड़ रही है, राज्य सरकार को यह बताना होगा कि राज्य की राजधानी में बड़ी बड़ी पार्टियां देने की अनुमति देने का क्या औचित्य था।
राज्य मशीनरी का दयनीय रवैया स्पष्ट है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके बेटे दुष्यंत सिंह सांसद और वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों सहित कैबिनेट मंत्रियों ने बड़ी पार्टियों में भाग लिया जहां कनिका कपूर मुख्य आकर्षण थीं।
बड़़ी पार्टियों के खिलाफ एक एडवाइजरी जारी करने के बजाय राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने खुद इतने बड़े जन्मदिन के जश्न में भाग कैसे लिया? संकट के प्रति उनके अपने मंत्रालय के ढीले रवैये को यह दर्शाता है।
लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह देने के बजाय, राजनैतिक पार्टियों के नेता, चाहे वे सत्ताधारी हों या विपक्षी, पार्टी कार्यकर्ताओं की भागीदारी के साथ बड़े कार्यों में व्यस्त देखे गए।
खराब बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे और भारी आबादी के साथ सरकार के लिए कोरोना वायरस से निपटना बहुत मुश्किल होगा जब तक कि लॉकडाउन सफलतापूर्वक लागू नहीं हो जाता।
ऐसी शिकायतें आई हैं कि परीक्षण करवाना बहुत मुश्किल है क्योंकि हेल्पलाइन कॉल का जवाब नहीं नहीं मिल पा रहा है। (संवाद)
उत्तर प्रदेश कोरोना की चुनौती का सामना करने को तैयार नहीं
कणिका प्रकरण पर प्रशासन की विफलता परेशानी का सबब
प्रदीप कपूर - 2020-03-24 09:55
लखनऊः कनिका कपूर प्रकरण ने घातक कोरोना वायरस कोविद 19 से निपटने के लिए केंद्रीय और साथ ही राज्य सरकार की खराब तैयारी को उजागर किया है।