प्रत्यक्षदर्शियों को कहना है कि गाड़ी में केन्द्रीय मंत्री मिश्र का बेटा आशीष मिश्र था और उसी ने उस कांड को अंजाम दिया। पुलिस में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज भी हो चुकी है।

प्रियंका गांधी घटना के बाद वाली रात को ही लखनऊ पहुंची और पीड़ितों के परिवारों से मिलने लखीमपुर खीरी जाते समय सीतापुर में गिरफ्तार हुई। प्रियंका गांधी के साहस ने पूरे देश में उनके लिए जबरदस्त सद्भावना पैदा की है।

जिस तरह से प्रियंका गांधी को हिरासत में लिया और बाद में गिरफ्तार किया गया, उसके बारे में देश भर में जो प्रतिक्रिया हुई, उसने उन्हें और पार्टी को दुनिया के ध्यान में लाया। राहुल और प्रियंका ने जिस तरह से परिवारों से मुलाकात की, उसने भी किसानों का दिल जीत लिया और ऐसे समय में पार्टी का मनोबल बढ़ाया, जब विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं।

देश के विभिन्न हिस्सों में विशेष रूप से राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध ने भी किसानों का समर्थन जुटाया। राहुल और प्रियंका ने पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात का बीड़ा उठाया, जबकि दूसरे विपक्षी नेता समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और बसपा के सतीश मिश्रा अगले दिन लखीमपुर खीरी पहुंचे।

चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी की घटनाओं का संज्ञान लिया है, इसलिए योगी सरकार ने किसानों की हत्या के पूरे प्रकरण की पृष्ठभूमि की जांच के लिए तुरंत एक पैनल का गठन किया। सिटिंग जज किसानों की मांग के अनुसार जांच की निगरानी करेंगे।

भाजपा नेतृत्व पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को हटाने और उनके बेटे आशीष को गिरफ्तार करने का दबाव है, जिसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

सामान्य तौर पर भाजपा और विशेष रूप से योगी सरकार की उस समय भारी आलोचना हुई जब किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री का बेटा आशीष वाहन चला रहा था जिससे किसानों को चोटें आईं और उनकी मौत हो गई।

योगी सरकार ने तुरंत किसानों के साथ समझौता किया और प्रत्येक पीड़ित के परिवारों को 45 लाख रुपये और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की घोषणा की। दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के दबाव में योगी सरकार को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

जिस तरह से भाजपा सांसद वरुण गांधी राज्य सरकार के किसानों के आंदोलन के खराब तरीके से सरकार द्वारा हैंडिल किए जाने को लेकर अधिक से अधिक आलोचनात्मक हो रहे हैं, उसी तरह से अन्य सांसद और विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किसानों के क्रोध से बचने के लिए उनका अनुसरण कर सकते हैं। (संवाद)