एक सवाल मंहगाई को ले कर आया जिसके उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा कि दिसबंर तक मंहगाई दर कम हो जाने की संभावना है।भारत पाक संबंध के बारे में उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास पैदा किये जाने की जरूरत है।नक्सलवाद केा सबसे बड़ी चुनौती मानते हुए उन्होंने कहा कि इससे निबटने के लिए राज्य सरकारों से बातचीत कर उन्हें मदद दी जा रही है।उन्होंने कहा कि आतंकवाद और नक्सलवाद देश की प्रगति में सबसे बड़ा रोड़ा है।परमाणु उत्तरदायित्व विधेयक पर उन्होंने आशा प्रकट किया कि संसद में इस पर अन्य दलों से सरकार केा सहयेाग मिल जाएगा।
प्रधानमंत्री ने बीजेपी के इस आरोप केा भी असत्य ठहराया दिया जिसमें सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग की बात कही गयी है।
एक सवाल का जबाब देते हुए प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल के सदस्यों केा आगाह किया कि उन्हें मीडिया में एक दूसरे पर छींटाकसीं नहीं करनी चाहिए।मंत्रिमंडल के बैठक लगभग हर सप्ताह होती है। मंत्रियों में अगर केाई मतभेद है तो उन्हें बैठक में ही बोलना चाहिए।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह रिटायर होना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कार्य को जो बीड़ा उठाया है वह अभी पूरा नहीं हुआ है।वह चाहते हैं कि वह अपना टास्क पूरा कर लें।
वहीं राहुल गांधी केा प्रधानमंत्री तथा कैबिनेट मंत्री बनाने से संबंधित प्रश्न के उत्तर मे प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नौजवानों केा आगे आने के पक्षधर है। यह कांग्रेस पार्टी केा निर्णय करना है कि वह किसे प्रधानमंत्री बनाना चाहती है।
राहुल को कैबिनेट में लिए जाने के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जबाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि राहुल कैबिनेट मंत्री बनने के योग्य हैं। वह कई बार राहुल गांधी से मंत्री बनने केा कह चुके हैं।लेकिन राहुल का कहना है कि वह पार्टी केा मजबूत करने में अपना ध्यान दे रहे हैं।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर मे ंउन्होंने कहा कि नीतिगत मामलों मंे वह सोनिया गांधी राय मशविरा करते हैं।
भ्रष्ट्ाचार केा ले कर पूछे गए सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि सिस्टम में कई लिकेज हैं,यह वह स्वीकारते हैं।उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसे कार्यक्रम में भी लिकेज पाया गया है। सरकार इस लिकेज को कम करने की कोशिश में लगी हुई है।
प्रधानमंत्री के प्रेस कांफ्रेंस में अनुत्तरित रह गए गांव,गरीबी और अल्पसंख्यक से जुड़े सवाल
एस एन वर्मा - 24-05-2010 10:19 GMT-0000
नई दिल्ली।यूपीए टू सरकार के कार्यकाल में आयोजित प्रधानमंत्री के प्रथम राष्ट्ीय प्रेस कांफ्रेंस में गांव,गरीबी,पिछड़ापन के श्राप से जुझता भारत की नाम मात्र चर्चा हुई।राष्ट्ीय मीडिया से राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने,विदेश नीति से जुड़े नाजुक मुद्े जैसी चटपटी और बिकाउ खबरों से संबंधित प्रश्न पूछे गए।क्षेत्रीय अखबार अपनी बारी की ताक मे लगे रहे।उर्दू मीडिया केा प्रश्न पूछने के मात्र दो अवसर मिले,बाकी उर्दू के खबरनवीस संचालन कर रहे प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहाकार हरिश खर्रे का मुंह ताकते रह गए ,और इसी बीच पत्रकार सम्मेलन समाप्त होने की घोषणा कर दी गयी।देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुस्लिमों से जुड़े कई अहम सवाल अनुत्तरित ही रह गए।
उर्दू अखबार के एक पत्रकार के प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया कि मुस्लिमों के तालिम के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।उन्होंने कहा कि मुस्लिमो के शिक्षा के लिए काफी कम कार्य हुआ है।यह प्रश्न नेशनल सेंपल सर्वे की उस रिपोर्ट को आधार मान कर पूछा गया था जिसमें यह कहा गया है कि मुसलमान शिक्षा के मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से पिछडें हुए हैं।
उर्दू अखबार के एक पत्रकार के प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया कि मुस्लिमों के तालिम के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।उन्होंने कहा कि मुस्लिमो के शिक्षा के लिए काफी कम कार्य हुआ है।यह प्रश्न नेशनल सेंपल सर्वे की उस रिपोर्ट को आधार मान कर पूछा गया था जिसमें यह कहा गया है कि मुसलमान शिक्षा के मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से पिछडें हुए हैं।