पत्र में पीईएसए की आवश्यक विशेषताओं को संबद्ध अधिनियमोंनियमोंदिशानिर्देशों के साथ अनुपालन करने के साथ-साथ ग्रामों और ग्रामसभाओं के परिसीमन के साथ ग्रामसभा की सिफारिशों को प्राप्त करने और भूमि अधिग्रहण एवं गौण खनिजों के निर्धारण के लिए ग्राम सभा की सलाह के लिए कार्यप्रणाली का पालन करने को कहा है।
पत्र में आगे कहा गया है कि पंचायती राज मंत्रालय के वन, खनन, आर एंड आर आदि से संबंधित केन्द्रीय कानूनों और नीतियों के पृथक रूप से जाँच करने तक राज्य पीईएसए को कार्यान्वित करने के लिए कदम निम्न उठा सकते हैं।
राज्यों को पंचायती राज मंत्रालय द्वारा वितरित संशोधित पीईएसए नियमों के नमूने को अपनाने को कहा गया है ताकि पीईएसए के कार्यान्वयन के लिए क्षेत्रीय कार्यकत्र्ताओंे के सामने एक स्पष्ट खाका हो सके।
दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रभावी कार्यो को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को ग्रामसभा को सशक्त करने को कहा गया है और इसके लिए पंचायती राज मंत्रालय द्वारा 2 अक्तूबर, 09 को जारी दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा गया है। ग्रामसभाओं को उनके अधिकार और कर्तव्यों के बारे में जानकारी के लिए विशेष कार्यक्रम चलाये जाएं। क्षेत्रीय भाषाओं में पर्याप्त प्रशिक्षण और सूचनात्मक जानकारी विकसित करना भी आवश्यक है । ग्रामसभा को सक्रिय करने के लिए प्रत्येक ग्राम सभा की पहचान, प्रशिक्षण और एक समाजिक उत्प्रेरक की तैनाती की जाए।
राज्यों को पीईएसए पर शिक्षा और संवेदनशीलता के लिए राज्य और पंचायत कार्यकत्ताओं (चुने गये और अधिकारी दोनों) के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की सलाह भी दी गई है।
प्रशासनिक उपायों के संदर्भ में, यह स्पष्ट किया गया है कि राज्यों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबद्ध विभागों के सचिवों के साथ एक समिति का गठन करना चाहिए और इसकी हर तीन माह में समीक्षा की जानी चाहिए। राज्यों को विभिन्न स्तरों पर एक सूचना और शिकायत निवारण तंत्र की भी स्थापना करनी चाहिए जहां पीईएसए के कार्यान्वयन से असंतुष्ट व्यक्ति अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें और सलाह एवं न्याय पा सकें।
मंत्रालय ने राज्यों से इन क्षेत्रों के लोगों की अत्यावश्यक जरूरतों को पूरा करने और चिंताओं को दूर करने के लिए अन्य संबद्ध मुद्दों की शीघ्र समीक्षा करने को कहा है।
उग्रवाद प्रभावित राज्य दिशा निर्देशों का समुचित पालन करें
विशेष संवाददाता - 08-06-2010 10:51 GMT-0000
नयी दिल्ली : पंचायती राज मंत्रालय ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों से अपने क्षेत्रों में पीईएसए दिशा-निर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है ताकि पीआरआई को पर्याप्त मजबूत बनाया जा सके। राज्यों के सभी प्रमुख सचिवों को भेजे गए अपने पत्र में मंत्रालय ने उनसे पीईएसए क्षेत्रों में चरमपंथ की जड़े और मजबूत होने और व्यापक होने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा। उन्होंने विवादों को सुलझाने, भूमि अधिग्रहण का निरीक्षण करने और ग्रामों के परिसीमन के प्रभाव का जायजा लेने के लिए इसमें ग्राम सभाओं को एक अभियान के तहत सक्रिय करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।