वित्त मंत्री ने यह घोषणा भी की कि आईआरएस अधिकारियों के कौशल उन्नयन के लिए उनके लिए वर्तमान वर्ष के दौरान एडवांस मिड केरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा । इससे अधिकारियों को जटिल अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की चुनौतियों तथा कर छूट एवं कम कर वाली प्रणालियों के इस्तेमाल से कर बचाने की योजनाओं की बुराई से निपटने के लिए सुसज्जित किया जा सकेगा । श्री प्रणब मुखर्जी ने सीबीडीटी से यह भी कहा कि वे कर कानूनों की जरूरत को पूरा करने में मानव संसाधनों की तैनाती सुनिश्चित करें । इस संबंध में उन्होंने विशेष रूप से काडर पुनर्संरचना की प्रक्रिया समय से पूरी करने तथा डीओपीटी कैलेंडर के अनुसार नियमित विभागीय पदोन्नति समिति बनाने के लिए कहा । वित्त मंत्री ने निवारक सतर्कता पर ध्यान केन्द्रित करने तथा भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त न करने की रणनीति अपनाने पर भी बल दिया ।

उन्होंने सीबीडीटी से कुछ चुनिंदा देशों में सतर्कता व्यवहार एवं प्रक्रियाओं का परीक्षण के लिए समिति गठित करने को कहा । अन्य देशों के अनुभवों का आय कर विभाग में सतर्कता प्रशासन को मुख्यधारा से जोड़ने तथा मजबूत बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है । करदाताओं को जरूरी गुणवत्ता वाली सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए वित्त मंत्री ने इसे प्रौद्योगिकी केन्द्रित बनाने पर बल दिया । वर्तमान वर्ष के लिए, वित्त मंत्री ने आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि बजट अनुमानों में 4,30,000 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य से ज्यादा हासिल किया जाए । उन्होंने विभाग से जिला, राज्य एवं केन्द्रीय स्तर पर टीडीएस अनुपालन की निगरानी के लिए विशेष रणनीति अपनाने के लिए कहा ।

अंत में श्री प्रणब मुखर्जी ने करदाताओं के साथ बढत़ी मुकदमेबाजी पर चिंता प्रकट की । उन्होंने अपीलों के कारण अवरूद्ध राजस्व पर भी चिंता प्रकट की । उन्होंने कहा कि करदाताओं को आपसी समझौता प्रक्रिया के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए, जो विवाद निपटाने की वरीय वैकल्पिक प्रणाली बनकर उभरी है ।