स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड क्लिनिकल लैंग्वेंज साइंसेज में किये गये अध्ययन के प्रमुख और स्कूल के वैज्ञानिक डा. पास्को फीरन के अनुसार बच्चों के विकास के लिए बच्चों का उनके माता-पिता के साथ अच्छे संबंध होना महत्वपूर्ण है। डा. फीरन कहते हैं, ‘‘हालांकि पूर्व में किये गए अध्ययनों में बच्चों का माता-पिता के साथ जुड़ाव और बच्चे के विकास का संबंध अस्थिर पाया गया था। इसलिए पूर्व में किये गए अध्ययनों की मात्रा, विस्तार और विविधता के कारण इसकी सही तस्वीर पेश करने में मुश्किल आयी। हालांकि इस नये अनुसंधान ने पूर्व के अनुसंधानों से उत्पन्न कई प्रकार के वैज्ञानिक और इससे जुड़े सवालों का जबाव दे दिया है।’’

अटैचमेंट सिद्धांत के अनुसार, सुरक्षित अनुरक्ति वाले बच्चे अपनी देख-भाल करने वालों से सहायता और दिलासा की उम्मीद करते हैं और उनसे सहायता और दिलासा पाते हैं। इसके विपरीत असुरक्षित अनुरक्ति वाले बच्चे हतोत्साहित प्रवृति वाले होते हैं, वे खुद को बहिष्कृत पाते हैं या विरोधी स्वभाव के होते हैं जिससे उनमें व्यवहार संबंधित समस्याएं पैदा हो जाती है।

इस नये अनुसंधान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की शुरुआती जिंदगी में बच्चों और उनकी माता का संबंध बाद में बच्चों के गुस्सा या विद्वेश जैसी व्यवहारिक समस्याओं को प्रभावित करता है। इस अध्ययन में बच्चों के व्यवहारिक समस्याओं को मापने के लिए माता-पिता और षिक्षक से सवाल-जवाब और सीधी निरीक्षण जैसे कई तरीकों का इस्तेमाल किया गया।

डा. फीरन ने बच्चों के व्यवहारिक समस्याओं पर अब तक किये गये सभी अध्ययनों का अध्ययन करने पर सभी अध्ययनों में असुरक्षित जुड़ाव का संबंध बच्चे के व्यावहारिक समस्याओं से पाया।

डा. फीरन कहते हैं, ‘‘हमने विष्लेशणों से पाया कि अपनी माता से असुरक्षित जुड़ाव वाले बच्चे खासकर लड़कों में अधिक व्यावहारिक समस्याएं होती हैं यहां तक कि उनमें बाद के सालों में भी व्यवहार संबंधी समस्याएं देखी जाती हैं।’’

इस अध्ययन के हवाले से ऐसे बच्चों के इलाज की सिफारिश की गयी है और माता-पिता का बच्चों से जुड़ाव पर बल दिया गया है।