कोलकाता के उष्ण औषधि विद्यालय के इस अध्ययन का लक्ष्य जापानी इनसेफ्लाइटिस वायरस से संक्रमित चिक एम्ब्रायो के कोरियोएलांटोइक मेम्ब्रोन पर होम्योपैथिक प्रबलता में बेल्लाडोन्ना के रोगनिरोधी कार्य का आकलन करना था।

अध्ययन के परिणाम से प्लेस्बो की तुलना में विभिन्न प्रबलताओं में होम्योपैथिक औषधि बेल्लाडोन्ना से जापानी इनसेफ्लाइटिस वायरस से संक्रमण को चुनौती दी गई तो कोशिका प्रसरण और नेक्रोसिस के डिस्क्रीट फोसि यानी पॉक्स में महत्वपूर्ण कमी देखी गई। इस अध्ययन के निष्कर्ष संक्रमण रोगों की अमरीकी पत्रिका के हाल के अंक में प्रकाशित किए गए।

भारत सहित दक्षिणपूर्वी एशिया में हर सालकरीब 50,000 मामले और 10,000 मौत जापानी इनसेफ्लाइटिस से होती हैं। इस वायरस से 10 साल से कम उƒा के बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं। मुख्य जांचकर्ता डॉ. भासवती बंदोपाध्याय के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन से आशा की नई किरण नज़र आई है लेकिन अभी इस दिशा में और अनुसंधान की ज़रूरत है।